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मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने की तैयारी, जानें किसे होगा फायदा

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 2487

1 नवंबर 2024। मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही में आयुष कॉलेजों में नियुक्त आयुर्वेद, होम्योपैथी, और यूनानी डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति उम्र 62 से बढ़ाकर 65 साल कर दी है। इस फैसले के बाद से प्रदेश के अन्य सरकारी कर्मचारियों के लिए भी रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने की चर्चा जोर पकड़ रही है। माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र में वृद्धि का फैसला ले सकती है।

रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने का लाभ किन्हें मिलेगा?
यदि सरकार सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाती है, तो इसका सबसे अधिक लाभ उन कर्मचारियों को होगा जिनकी सेवा 62 साल तक पूरी नहीं हो पाती। राज्य सरकार 33 साल की सेवा पूरी करने वालों को ही आधी पेंशन की पात्रता देती है। ऐसे में जो कर्मचारी 30 की उम्र में नौकरी में आते हैं, उन्हें 62 की उम्र में 32 साल की सेवा के बाद पूरी पेंशन नहीं मिलती। अगर रिटायरमेंट उम्र 65 कर दी जाए, तो वे भी आधी पेंशन के हकदार होंगे।

सरकार पर रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने का प्रभाव
रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने से सरकार को भी कई फायदे मिल सकते हैं। अनुभवी कर्मचारियों की सेवा से नए कर्मचारियों को प्रशिक्षण का लाभ मिलेगा। साथ ही, कर्मचारियों को तीन साल अधिक वेतन मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। पेंशन का भार भी सरकार पर कम समय तक पड़ेगा, जिससे सरकारी खर्चों में कमी आएगी। इससे अनुभवी कर्मचारियों के कौशल का उपयोग लंबे समय तक किया जा सकेगा।

जूनियर कर्मचारियों पर संभावित असर
रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने का नकारात्मक असर जूनियर कर्मचारियों पर पड़ सकता है। प्रमोशन में देरी के कारण उनकी करियर ग्रोथ पर असर होगा। इसके अलावा, लंबे समय तक एक ही कर्मचारी कार्यरत रहने से संगठन में नए विचारों का अभाव भी हो सकता है, जिससे कार्यप्रणाली में नवीनता का कमी हो सकती है।

बेरोजगारों पर असर: 25 लाख युवाओं की चिंता
मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री उमाशंकर तिवारी का कहना है कि प्रदेश में 25 लाख से अधिक पंजीकृत बेरोजगार हैं। यदि रिटायरमेंट उम्र बढ़ाई गई, तो इन युवाओं को सरकारी नौकरी पाने में और कठिनाई हो सकती है। तिवारी का मानना है कि डॉक्टर, प्रोफेसर, और जज जैसे पदों पर उम्र बढ़ाना उचित हो सकता है, लेकिन अन्य सरकारी पदों पर उम्र बढ़ाने से एक पूरी पीढ़ी रोजगार से वंचित रह जाएगी। यह युवाओं के हित में नहीं है, और इस मुद्दे का पुरजोर विरोध होना चाहिए।

मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने का फैसला बहुआयामी प्रभाव डाल सकता है। जबकि अनुभवी कर्मचारियों के लिए यह एक अच्छा अवसर हो सकता है, वहीं बेरोजगारी से जूझ रहे युवाओं के लिए यह निर्णय चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। सरकार को इस मुद्दे पर संतुलित दृष्टिकोण अपनाते हुए सभी पक्षों का ध्यान रखना होगा।



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