भोपाल: 9 मार्च 2024। मप्र में वर्ष 1952 से विलुप्त हुये चीतों को पुन: बसाने के लिये 17 सितम्बर 2022 को पीएम नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में पालपुर कूनो नेशनल पार्क में विदेश के नामीबिया से लाये 8 चीते छोड़े गये थे और इसके बाद 18 फरवरी 2013 को दक्षिण अफ्रीका से लाये 12 चीते छोड़े गये थे। अभी विदेश से और चीते लाये जाने हैं जिनके लिये प्रदेश के गांधी सागर अभयारण्य एवं नौरादेही अभयारण्य चयनित किये गये हैं तथा इनमें पहले चरण में गांधी सागर अभयारण्य को विदेशी चीतों की अगवानी करने के लिये लगभग तैयार कर लिया गया है तथा इसमें चीतों की खुराक जिसे प्रे-बेस कहा जाता है, के लिये कुल 1250 हिरण लाये जायेंगे जिनमें से 289 हिरण लाये जा चुके हैं और 961 हिरण और लाये जाने शेष हैं।
गांधी सागर अभयारण्य में विदेशी चीतों को बसाने के लिये 64 वर्ग किमी में सोलर इलेक्ट्रिक फेंसिंग का कार्य, चीतों के लिये क्वारंटीन बोमा का निर्माण का कार्य, क्वारंटीन बोमा के अंदर हाई मास्ट कैमरा-पेयजल-कृत्रिम छाया-माउण्ड का निर्माण कार्य एवं प्रे-बेस बढ़ाने हेतु शाकाहारी वन्य प्राणी के तीन बाड़ों जिनमें 50-50 हैक्टेयर के दो एवं 90 हैक्टेयर का एक बाड़ा शामिल है, को बनाने का कार्य पूर्ण हो चुका है।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में पालपुर कूनो में 13 व्यस्क चीते एवं 8 शावक चीते हैं। सात चीतों एवं 3 शावकों की मौत विभिन्न बीमारियों से 27 मार्च 2023 से 16 जनवरी 2024 के बीच हो चुकी है।
- डॉ. नवीन जोशी
मप्र में चीतों के नये घर गांधी सागर अभयारण्य में 961 हिरण आना शेष
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भोपाल
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