Bhopal: 13 फरवरी 2017। शिवराज सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा पिछले 37 साल से हर साल 18 राष्ट्रीय एवं तीन राज्य स्तरीय सम्मान एवं पुरस्कार दिये जाते हैं लेकिन इन्हें देने के नियम ही विभाग में उपलब्ध नहीं थे इसलिये अब विभाग ने नये सिरे से एकजाई नियम
बनाकर उन्हें प्रभावशील किया है।
संस्कृति विभाग के 18 राष्ट्रीय सम्मानों में महात्मा गांधी, कबीर, तानसेन, तुलसी, लता मंगेशकर, इकबाल, मैथिलीशरण गुप्त, देवी अहिल्या, किशोर कुमार, शरद जोशी, कवि प्रदीप, नानाजी देशमुख, कुमार गंधर्व, राजा मानसिंह तोमर तथा कालिदास
शास्त्रीय, कालिदास रुपंकर कला, कालिदास शास्त्री नृत्य तथा कालिदास रंगकर्म सम्मान हैं जिनकी कुल पुरस्कार राशि 42 लाख 25 हजार रुपये है। वर्ष 2015-16 तथा वर्ष 2016-17 के लिये पुरस्कारों को देने के लिये राज्य शासन ने 5 सितम्बर 2016 को
विज्ञापन भी जारी किये लेकिन जब इन्हें देने के नियम खंगाले गये तो वे विभाग में उपलब्ध ही नहीं हो पाये।
लिहाजा विभाग को नये सिरे से नवीन नियम जारी करने पड़े हैं। नये नियमों में प्रावधान किया गया है कि राष्ट्रीय एवं राज्य सम्मान कलाकार/साहित्यकार/संस्था के समग्र रचनात्मक अवदान के लिये देय होगा, उसकी किसी एक कृति या प्रस्तुति के लिये
नहीं। इसी प्रकार, ये सभी सम्मान सिर्फ सृजनात्मक उपलब्धि के लिये देय रहेगा न कि शोध, पाण्डित्य अथवा अकादमिक कार्यों के लिये।
नये नियमों में पहली बार प्रावधान किया गया है कि इन सम्मानों के लिये व्यक्ति का चयन करने हेतु बनाई जाने वाली चयन समिति की अनुशंसा राज्य शासन के लिये बंधनकारी होगी।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि संस्कृति विभाग के सम्मानों हेतु नये नियम जारी किये गये हैं। इससे पहले इन सम्मानों के नियम विभाग में उपलब्ध ही नहीं हैं।
- डॉ नवीन जोशी
मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग ने 37 साल बाद बनाये सम्मान व पुरस्कारों के नियम
Location:
Bhopal
👤Posted By: प्रतिवाद
Views: 27771
Related News
Latest News
- बंद हो जा सिम सिम, सरकार के निशाने पर साइबर चोर
- भोपाल की फिल्म निर्माता फौजिया अर्शी एविएशन सेक्टर में कदम रखने वाली देश की पहली उद्यमी बनीं
- आवाजें चुराने का आरोप में एआई कंपनी लोवो पर मुकदमा दायर
- इंडियनऑयल ने श्रीलंका को प्रीमियम ईंधन XP100 का निर्यात किया
- नंगे पैर चलने का चलन: दुनिया भर में लोग अपना रहे हैं ये ट्रेंड, जानिए क्या हैं इसके पीछे के कारण