भोपाल: 30 अगस्त 2023। राज्य सरकार ने सहज व्यवसाय यानि ईज आफ डूईंग बिजनेस के तहत प्रदेश के उद्योगों को राहत प्रदान की है। अब उन्हें शर्तों के उल्लंघन पर कोर्ट नहीं जाना होगा तथा अधिक जुर्माना देकर वे अपना प्रकरण खत्म करवा सकेंगे।
दरअसल राज्य सरकार ने पन्द्रह साल पहले बने मप्र निवेश संवर्धन अध्निियम 2008 में अब बदलाव कर दिया है। इसके लिये विधानसभा के गत सत्र में संशोधन बिल लाया गया था और उसे पारित किया गया था और अब इस विधेयक को राज्यपाल ने मंजूरी प्रदान कर दी है जिससे यह कानून के रुप में पूरे राज्य में लागू हो गया है।
उक्त कानून में पहले प्रावधान था कि किसी उद्यमी, सरकारी प्राधिकारी को दिये गये स्वप्रमाणीकरण में दी गई शर्तों या वचनबंध का पालन करने में विफल रहता है तो उसका प्रकरण कोर्ट में पेश किया जायेगा जहां दोष सिध्द होने पर जज पहली विफलता पर 5 हजार रुपये एवं द्वितीय एवं पश्चातवर्ती विफलता पर 10 हजार रुपये तक के जुर्माने से दण्डनीय होगा। लेकिन अब संशोधन कर नया प्रावधान कर दिया गया है कि शर्तों या वचनबंध के उल्लंघन पर प्रकरण कोर्ट में पेश नहीं किया जायेगा और सीधे प्रथम विफलता के लिये 50 हजार रुपये एवं दूसरी या पश्चातवर्ती विफलता पर एक लाख रुपये तक जुर्माना लेकर प्रकरण खत्म कर दिया जायेगा। इस प्रकार, राज्य सरकार ने उद्यमियों को न्यायालयीन प्रक्रिया से राहत प्रदान कर दी है और जुर्माने की राशि में वृध्दि कर दण्ड शब्द को हटा दिया है जिससे निवेशकों को आसानी से व्यापार करने में सुविधा हो।
- डॉ. नवीन जोशी
अब उद्योगों को शर्तों के उल्लंघन पर अधिक जुर्माना देना होगा, कोर्ट से दण्ड नहीं मिलेगा
Location:
भोपाल
👤Posted By: prativad
Views: 357
Related News
Latest News
- एक कंपनी जो आपके मल के लिए 40 हजार रुपये का ऑफर कर रही, यानी सालाना 1.5 करोड़ रुपये
- मप्र: राज्य ई-कैबिनेट शुरू करने के लिए तैयार; मंत्रियों को एजेंडा ऑनलाइन प्राप्त होगा
- क्या नींबू पानी किडनी के लिए अच्छा है?
- हिंदू विवाह एक 'संस्कार' और एक संस्कार; 'गीत और नृत्य', 'वाइनिंग और डाइनिंग' या वाणिज्यिक लेनदेन के लिए कोई कार्यक्रम नहीं: सुप्रीम कोर्ट
- सड़क किनारे के ठंडे जूस और पेय 'कूल' नहीं, डायरिया, पीलिया, पेचिश के मामले बढ़ रहे