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ओंकारेश्वर में आदि गुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण, 2200 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा अद्वैत लोक

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Location: भोपाल                                                 👤Posted By: prativad                                                                         Views: 1208

भोपाल: 21 सितंबर 2023। मुख्यमंत्री चौहान ने ओंकारेश्वर में संत समुदाय के साथ आदि गुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने मांगलिक अनुष्ठान के साथ 2200 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले अद्वैत-लोक का शिलान्यास भी किया।

इस अवसर पर खण्डवा जिले की प्रभारी मंत्री एवं संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, स्वामी अवधेशानंद जी गिरी महाराज, परमात्मानंद जी, स्वामी स्वरूपानंद जी, स्वामी तीर्थानंद जी महाराज सहित देश-भर से आए लगभग 5 हजार साधु-संत उपस्थित थे।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज ओंकारेश्वर में आदि गुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया।
प्रतिमा का नाम "एकात्मता की मूर्ति" है और यह अष्टधातु से बनी है।
प्रतिमा के आधार में 75 फीट का पैडेस्टल है और यह पाषाण निर्मित 16 फीट के कमल पर स्थापित है।
प्रतिमा के निर्माण में 88 प्रतिशत कॉपर, 4 प्रतिशत जिंक और 8 प्रतिशत टिन का उपयोग किया गया है।
प्रतिमा का वजन 100 टन है और इसे कुल 290 पैनल से बनाया गया है।
प्रतिमा के निर्माण में 250 टन स्टेनलेस स्टील का उपयोग किया गया है।
प्रतिमा के पैडेस्टल की डिजाइन 500 वर्ष तक की समयावधि को ध्यान में रखकर की गई है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आदिगुरू शंकराचार्य की एकात्मता की प्रतिमा विश्व को शांति और एकता का संदेश देगी। उन्होंने कहा कि प्रतिमा के माध्यम से युवा पीढ़ी को आध्यात्मिक मूल्यों से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।

अनावरण के बाद मुख्यमंत्री चौहान ने उपस्थित साधु-संत, संन्यासियों और विद्वानों को भोजन के लिये आमंत्रित कर अन्नपूर्णा लेकर आये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पत्नी श्रीमती साधना सिंह के साथ, पूज्य साधु-संत, संन्यासियों तथा विद्वानों को भोजन-प्रसादी स्वयं परोसी।

एकात्मता की मूर्ति

एकात्म धाम में स्थापित आचार्य शंकर की प्रतिमा का नाम "एकात्मता की मूर्ति" है। यह 108 फीट की अष्टधातु मूर्ति आचार्य शंकर के बाल रूप 12 वर्ष की आयु की है।

मूर्ति के आधार में 75 फीट का पैडेस्टल है। यह मूर्ति पाषाण निर्मित 16 फीट के कमल पर स्थापित है।

मूर्तिकार श्री भगवान रामपुरे एवं चित्रकार श्री वासुदेव कामत के मार्गदर्शन में मूर्ति का निर्माण किया गया है।

प्रतिमा में 88 प्रतिशत कॉपर, 4 प्रतिशत जिंक, 8 प्रतिशत टिन का उपयोग किया गया है। प्रतिमा 100 टन वजनी है।

कुल 290 पैनल से यह मूर्ति निर्मित की गई है।

समग्र अधोसंरचना के निर्माण में उच्च गुणवत्ता के 250 टन के स्टेनलेस स्टील का उपयोग किया गया है।

कंक्रीट के पैडस्टल की डिजाइन 500 वर्ष तक की समयावधि को ध्यान में रखकर की गई है।

आदि गुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा के अनावरण से ओंकारेश्वर एक प्रमुख आध्यात्मिक पर्यटन स्थल बन जाएगा। प्रतिमा युवा पीढ़ी को आध्यात्मिक मूल्यों से जोड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।


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