भोपाल: विशेषज्ञों के मुताबिक, चीतों को लंबे समय तक बाड़ों में नहीं रखा जा सकता है। यदि इन्हें लंबे समय तक बाड़ों के अंदर रखा जाए तो इनकी शिकार करने की क्षमता प्रभावित होती है।
20 नवंबर 2023। कूनो नेशनल पार्क के फील्ड डायरेक्टर उत्तम कुमार शर्मा ने मुख्य वन्यजीव वार्डन असीम श्रीवास्तव से कहा है कि सर्दियों के मौसम की शुरुआत चीतों को जंगल में छोड़ने का सबसे अच्छा समय है। फिलहाल इन्हें बड़े-बड़े बाड़ों में रखा गया है।
श्रीवास्तव चीता संचालन समिति के सदस्य हैं और समिति को मामले से अवगत करायेंगे। चीतों को जंगल में छोड़ने का फैसला जल्द ही लिया जा सकता है।
"मैंने मुख्य वन्यजीव वार्डन से कहा है कि चीतों को जंगल में छोड़ दिया जाना चाहिए क्योंकि ऐसा करने का यह सही समय है। उत्तम कुमार ने बताया, "बड़े बाड़ों में, चीते शिकार कर रहे हैं और अपने दम पर जीवित रह रहे हैं।"
चीता संचालन समिति की जल्द होने वाली अगली बैठक में अन्य फैसलों के साथ चीतों को जंगल में छोड़ने का फैसला लिया जा सकता है। मानसून का मौसम शुरू होने के बाद से चीते बड़े बाड़ों के अंदर हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक, चीतों को लंबे समय तक बाड़ों में नहीं रखा जा सकता है। यदि इन्हें लंबे समय तक बाड़ों के अंदर रखा जाए तो इनकी शिकार करने की क्षमता प्रभावित होती है। कुल मिलाकर, पिछले साल दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से 20 चीते लाए गए थे।
उनमें से 14 वयस्क चीते जीवित बचे हैं। बीमारियों से छह चीतों की मौत हो चुकी है। जंगल में रहने के दौरान कम से कम तीन चीतों की मौत हो गई है, जिससे अधिकारियों को शेष चीतों को पकड़ने और बाड़ों में वापस लाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
खुले जंगल में कथित तौर पर कॉलर संबंधी संक्रमण के कारण दो चीतों की मौत हो गई। एक मादा चीता ने चार शावकों को जन्म दिया था और उनमें से तीन की गर्मी के मौसम में अत्यधिक गर्मी के कारण मौत हो गई है। इस प्रकार अब तक आठ चीतों की मौत हो चुकी है।
चीतों को अब जंगल में छोड़ने का समय: एमपी के कुनो फील्ड डायरेक्टर
Location:
भोपाल
👤Posted By: prativad
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