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जनजातीय युवाओं के लिये स्वरोजगार व विकास की तीन नई योजनाएं

Location: भोपाल                                                 👤Posted By: prativad                                                                         Views: 873

भोपाल: भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना में 22.10 करोड़ रूपये और टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना में 2.66 करोड़ रूपये वित्तीय सहायता वितरित

31 जनवरी 2024। जनजातीय कार्य विभाग के अधीन मध्यप्रदेश आदिवासी वित्त एवं विकास निगम द्वारा तीन नई वित्तीय सहायता योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इनमें से भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना और टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के माध्यम से जनजातीय वर्ग के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़कर उनके समग्र कल्याण के प्रयास किये जा रहे हैं।

मध्यप्रदेश आदिवासी वित्त एवं विकास निगम को 'भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना' में 31 जनवरी 2024 तक कुल 5 हजार 523 आवेदन मिले। इनमें से बैंकों द्वारा 716 आवेदन मंजूर कर 561 पात्र हितग्राहियों को 22 करोड़ 10 लाख 64 हजार 895 रूपये वित्तीय सहायता वितरित की जा चुकी है। केवल 155 प्रकरण वित्त सहायता वितरण की अंतिम प्रक्रिया में हैं। इस योजना में जनजातीय युवाओं को विनिर्माण गतिविधियों के लिए एक लाख से 50 लाख रूपये तथा सेवा व व्यवसाय गतिविधियों के लिए एक लाख से 25 लाख रूपये तक की वित्तीय सहायता बैंकों के माध्यम से दी जाती है। बैंक ऋण पर अधिकतम सात वर्षों के लिए पाँच प्रतिशत ब्याज अनुदान एवं बैंक गारंटी का भुगतान राज्य शासन द्वारा किया जाता है।

'टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना' में निगम को 31 जनवरी 2024 तक कुल 6 हजार 11 आवेदन मिले। बैंकों द्वारा 699 आवेदन मंजूर कर 490 पात्र हितग्राहियों को दो करोड़ 66 लाख 5 हजार 165 रूपये वितरित किये जा चुके हैं। सिर्फ 209 प्रकरण अंतिम निराकरण के लिए लंबित हैं। इस योजना में जनजातीय युवाओं को 10 हजार से एक लाख रूपए तक की स्व-रोज़गार परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता बैंकों के माध्यम से दी जाती है। बैंक ऋण पर अधिकतम पाँच वर्षों के लिए सात प्रतिशत ब्याज अनुदान एवं बैंक गारंटी राज्य शासन द्वारा दी जाती है।

इन दोनों योजनाओं से संबंधित विस्तृत जानकारी एवं लाभ प्राप्ति के लिए "समस्त पोर्टल" https://samast.mponline.gov.in पर लॉग-इन कर या जिलास्तर पर सहायक आयुक्त/जिला संयोजक जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है।

इसी प्रकार 'मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना' में जनजातीय युवाओं को आजीविका, स्वरोजगार एवं नवाचार से संबंधित सामुदायिक अधोसंरचना निर्माण तथा इससे जुड़ी अन्य गतिविधियों की दो करोड़ रूपये तक की ऐसी परियोजनाएं, जिनका क्रियान्वयन लाईन विभागों की किसी प्रचलित योजना/परियोजना में किया जाना संभव नहीं हो, उसका शत-प्रतिशत शासन अनुदान से वित्त पोषण किया जाता है। इस योजना का क्रियान्वयन लाईन विभागों/कलेक्टर के माध्यम से किया जा रहा है।

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