भोपाल: 26 मई 2023। राज्य के जल संसाधन विभाग के अंतर्गत तीन संभागों हिरन संभाग जबलपुर, वैनगंगा बालाघाट एवं संभाग छिन्दवाड़ा ने एक साल बीतने के बाद भी मैप आईटी द्वारा विकसित इरीगेशन रेवेन्यु माड्यूल में अभी तक सभी कृषकों की उनके मोबाईल नंबरों सहित जानकारी दर्ज नहीं की है। इस पर इन तीनों जलसंसाधन संभागों के कार्यपालन यंत्रियों को हिदायत दी गई है उनका यह कार्य खेदजनक है और वे फीडिंग का यह कार्य एक सप्ताह में करें अन्यथा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। उल्लेखनीय है कि उक्त ऑनलाईन माड्यूल में जानकारी दर्ज होने पर जल कर की राशि संबंधित कृषक के खाते में प्रदर्शित की जाती है और कृषक ऑनलाईन इसे जमा भी कर सकते हैं।
अभी यह है स्थिति :
संभाग छिन्दवाड़ा के अंतर्गत कन्हरगांव जलाशय क्षेत्र में कृषक संख्या 3926 है जबकि 2372 की जानकारी दर्ज की गई है तथा फीडिंग का प्रतिशत 60.42 है। संभाग वैनगंगा बालाघाट के अंतर्गत नहलेसर्रा जलाशय क्षेत्र में कृषकों की संख्या 8576 है और 5690 की जानकारी दर्ज की गई है जोकि 66.35 प्रतिशत है7 इसी संभाग के अंतर्गत जमुनिया जलाशय क्षेत्र में कृषकों की संख्या 3717 है और फीडिंग 3360 कृषकों की है जोकि 90.40 प्रतिशत है। जबलपुर के हिरन संभाग अंतर्गत मेहगांव जलाश क्षेत्र में कृषकों की संख्या 2111 है और 1757 की जानकारी दर्ज की गई है जिसका प्रतिशत 83.23 है। इसी संभाग में बरनू जलाशय क्षेत्र में कृषक संख्या 3440 है और 2911 कृषकों की जानकारी दर्ज की गई जोकि 84.62 प्रतिशत है। जबलपुर के इसी संभाग में मड़ई जलाश क्षेत्र में कृषकों की संख्या 2295 है जिसमें से 2338 की जानकारी दर्ज की है जिसका प्रतिशत 97.52 है।
- डॉ. नवीन जोशी
जबलपुर, छिन्दवाड़ा एवं बालाघाट के कृषकों की जानकारी इरीगेशन रेवेन्यु माड्यूल में एक साल बाद भी दर्ज नहीं हो पाई
Location:
भोपाल
👤Posted By: prativad
Views: 450
Related News
Latest News
- नंगे पैर चलने का चलन: दुनिया भर में लोग अपना रहे हैं ये ट्रेंड, जानिए क्या हैं इसके पीछे के कारण
- यौन अपराधों से बच्चों को संरक्षण के लिये बना है पॉक्सो अधिनियम
- हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम | हिंदू महिला धारा 14(1) के तहत संपत्ति के पूर्ण स्वामित्व का दावा तभी कर सकती है जब उसके पास संपत्ति हो: सुप्रीम कोर्ट
- यूरोपीय संघ: फेसबुक और इंस्टाग्राम बच्चों को नशे की लत लगा सकते हैं, जांच शुरू
- मोदी वैश्विक अशांति के पार भारत को देख सकते हैं- विदेश मंत्री