भोपाल: 25 जुलाई 2023। मप्र विधानसभा के स्पीकर गिरीश गौतम डेढ़ साल में भी रीवा जिले में अपने विधानसभा क्षेत्र में देवतालाब तहसील नहीं बनवा पाये हैं।
उक्त नवीन तहसील के गठन की कार्यवाही की प्रक्रिया भी बड़ी दिलचस्प है। 25 मार्च 2022 को राजस्व विभाग ने अधिसूचवना जारी की कि रीवा जिले की मऊगंज एवं नई गढ़ी तहसील को तोडक़र देवतालाब तहसील बनाई जायेगी। परन्तु इस अधिसूचना में प्रस्तावित देवतालाब तहसील की जो चतुदर्श सीमायें दी गईं थीं वह त्रुटिपूर्ण थी। देवतालाब तहसील के पूर्व में क्वारी नदी जिला भिण्ड, पश्चिम में अनुविभाग अम्बाह, उत्तर में चंबल नदी उप्र एवं दक्षिण में अनुविभाग मुरैना बता दिया गया था, जबकि वास्तविकता में ये देवतालाब तहसील के चारों ओर आते ही नहीं हैं। राजस्व मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत के संज्ञान में यह त्रुटि सामने आने पर उन्होंने तीन दिन बाद 28 मार्च 2022 को संशोधित अधिसूचना जारी करवाई जिसमें प्रस्तावित देवतालाब तहसील की चतुर्दश सीमायें ठीक कर दी गईं। त्रुटिपूर्ण एवं संशोधित अधिसूचनाओं में आम लोगों से अपनी आपत्ति एवं सुझाव देने हेतु 30 दिन का समय दिया गया था, परन्तु इसके बाद भी अब तक यह नवीन तहसील गठित नहीं की गई। बल्कि अब पिछली दो अधिसूचनाओं को निरस्त कर अब तीसरी बार देवतालाब तहसील के गठन के लिये आम लोगों से आपत्ति व सुझाव लेने हेतु अधिसूचना जारी की गई है जिसमें फिर से तीस दिन का समय दिया गया है जोकि आगामी 5 अगस्त को समाप्त होगी।
मनगवां बनना है प्रदेश का 53 वां जिला :
इधर रीवा जिले की मनगवां तहसील क्षेत्र को जिला बनाये जाने की सीएम ने घोषणा की हुई है तथा यह जिला 15 अगस्त 2023 को मूर्त रुप लेगा, ऐसी सीएम ने घोषणा की हुई है। हालांकि इस नये जिले मऊगंज में प्रस्तावित देवतालाब तहसील शामिल नहीं रहेगी।
- डॉ. नवीन जोशी
डेढ़ साल में भी स्पीकर नहीं बनवा पाये अपने क्षेत्र में देवतालाब तहसील
Location:
भोपाल
👤Posted By: prativad
Views: 419
Related News
Latest News
- मप्र: राज्य ई-कैबिनेट शुरू करने के लिए तैयार; मंत्रियों को एजेंडा ऑनलाइन प्राप्त होगा
- क्या नींबू पानी किडनी के लिए अच्छा है?
- हिंदू विवाह एक 'संस्कार' और एक संस्कार; 'गीत और नृत्य', 'वाइनिंग और डाइनिंग' या वाणिज्यिक लेनदेन के लिए कोई कार्यक्रम नहीं: सुप्रीम कोर्ट
- सड़क किनारे के ठंडे जूस और पेय 'कूल' नहीं, डायरिया, पीलिया, पेचिश के मामले बढ़ रहे
- सरकार डॉक्टरों के लिए एक समान फीस कैसे तय कर सकती है? क्या होगा अगर सरकार वकीलों के लिए एक समान फीस तय कर दे? : सुप्रीम कोर्ट