Bhopal: 19 मार्च 2023। राज्य सरकार के वन विभाग के अंतर्गत कार्यरत लघु वनोपज संघ ने महुआ से सिर्फ देशी शराब बनती है, ऐसी छबि को खत्म करने के लिये नया हर्बल उत्पाद महुआ प्राश (अवलेह) लांच कर दिया है।
संघ का इस संबंध में कहना है कि समाज में महुआ की छबि को देशी शराब बनाने तक सीमित रखा गया है जिससे इसके औषधीय उपयोग आमजनों तक नहीं पहुंच पाये हैं। महुआ प्राश (अवलेह) मानस स्वास्थ्य को उत्तम पोषण प्रदान करता है। यह एक उत्तम एंटीआक्सीडेंट है, जिसके दैनिक उपयोग से शरीर को बीमारियों से बचाया जा सकता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी यह अत्यंत कारगर है। महुआ प्राश (अवलेह) में महुआ के साथ-साथ मिश्री, घृत, शहद, पीपली, दालचीनी, इलायची एवं तेजपत्र जैसे महत्वपूर्ण घटक हैं।
संघ ने अपनी इकाई मायनर फारेस्ट प्रोड्यूस प्रोसेसिंग एण्ड रिसर्च सेंटर भोपाल के माध्यम से महुआ प्राश (अवलेह) का उत्पादन प्रारंभ किया है। इसके लिये आयुष विभाग से लायसेंस भी लिया गया है। यह एक अनूठा प्रयोग है तथा अभी तक इस प्रकार के उत्पाद बाजार में उपलब्ध नहीं थे। इस उत्पाद के बाजार में आने से महुआ के प्रति आम लोगों की धारणा निश्चित तौर पर बदलेगी और इसका अधिक लाभ महुआ संग्राहकों को मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में महुआ बहुतायत में पाया जाता है और आदिवासी समुदाय के लिये यह आजीविका का एक प्रमुख स्रोत है। राज्य शासन ने महुआ के सूखे हुये फूल एवं गुल्ली की खरीदी के लिये 35 रुपये प्रति किलो का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया हुआ है। महुआ फूल में शर्करा, वसा, फाइबर, प्रोटीन, कार्बोहाईड्रेट्स एवं मिनरल्स जैसे पोषक तत्व अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। पीएम वन धन केंद्र एवं प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से महुआ के विभिन्न उत्पाद जैसे लड्डू, चिक्की, जैम, अचार आदि भी तैयार किये जा रहे हैं।
ब्रिटेन जा रहा है महुआ :
लघु वनोपज संघ ने गत वर्ष 18 क्विंटल फूडग्रेड महुआ 104 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर ब्रिटेन को निर्यात किया है तथा इस साल ब्रिटेन निर्यात हेतु 110 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर 2 हजार क्विंटल का एमओयू भी हुआ है।
- डॉ. नवीन जोशी
देशी शराब की छबि से मुक्त करने महुआ से बनाया हर्बल प्राश
Location:
Bhopal
👤Posted By: prativad
Views: 386
Related News
Latest News
- IIT से पढ़ीं, करियर में 73 बार मिली हार के बाद खड़ा किया 52000 करोड़ का कारोबार
- कैंसर 'हमारा नया कोविड है' - फाइजर सीईओ
- किसान ने ₹2.5 लाख प्रति किलोग्राम कीमत वाले आमों की सुरक्षा के लिए Z+ स्तर की सुरक्षा तैनात की
- पीथमपुर में होगा यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे का विनष्टीकरण, एमपी हाईकोर्ट में केन्द्र सरकार ने पेश किया जवाब
- एक कंपनी जो आपके मल के लिए 40 हजार रुपये का ऑफर कर रही, यानी सालाना 1.5 करोड़ रुपये