Bhopal: - डॉ. नवीन जोशी
भोपाल 7 जुलाई 2022। राज्य के जल संसाधन विभाग ने प्रदेश के पांच बड़े बांधों को राष्ट्रीय महत्व के रुप में चयनित किया है। दरअसल केंद्र सरकार के प्रावधानों के अनुसार, जिन बांधों की ऊंचाई सौ मीटर या इससे अधिक है, उन्हें नेशनल इम्पोर्टेंस के अंतर्गत माना गया है। मप्र में इस तरह के पांच बांध जिनमें शामिल हैं - तवा, गांधी सागर, रानी अवंति बाई सागर, बाण सागर तथा इंदिरा सागर चयन किये गये हैं।
उक्त पांच बांधों सुरक्षा संबंधी रिपोर्ट अब हर साल जल संसाधन विभाग को प्राथमिकता के साथ केंद्रीय जल आयोग को भेजना होगी, जिससे वर्षाकाल में बाढ़ आने से नुकसानी को न्यूनतम किया जा सके।
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दस क्षतिग्रस्त बांधों की जांच रिपोर्ट भी भेजना होगी :
जल संसाधन विभाग को उन दस बांधों की भी अब पूर्ण जांच रिपोर्ट केंद्रीय जल आयोग को भेजना होगी जो विगत वर्षों में नियमित निरीक्षण एवं सुधार कार्य न होने के कारण क्षतिग्रस्त हुये हैं। इनमें वर्ष 1914 में बना तिगरा बांध वर्ष 1917 में, वर्ष 1927 में बना पगारा बांध वर्ष 1943 में, वर्ष 1942 में बना पालकमती बांध वर्ष 1953 में, वर्ष 1958 में बना नयागांव बांध वर्ष 1959 में, वर्ष 1956 में बना सम्पना बांध वर्ष 1964 में, वर्ष 1964 में बना केदारनाला बांध इसी वर्ष में, वर्ष 1986 में बना चंदौरा बांध वर्ष 1991 में, वर्ष 1891 में बना जमुनिया बांध वर्ष 2001 में, वर्ष 1998 में बना पिपलई बांध वर्ष 2005 में तथा वर्ष 1926 में बना चांदिया बांध वर्ष 2008 में क्षतिग्रस्त हो गया था।
प्रदेश के पांच बड़े बांध राष्ट्रीय महत्व के रुप में चयनित
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Bhopal
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