भोपाल: 11 जुलाई 2023। राज्य सरकार के संसदीय कार्य विभाग ने मप्र विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर को दिये स्वेच्छानुदान के अधिकार खत्म कर दिये हैं। दरअसल, वर्ष 2020 में जब कमलनाथ सरकार के स्थान पर शिवराज सिंह चौहान की सरकार बनी थी तब भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा प्रोटेम स्पीकर बनाये गये थे जो कि कई महिनों तक इस पद पर पदस्थ रहे तथा उन्होंने स्पीकर को मिले स्वेच्छानुदान देने के अधिकार अपने नाम करा लिये थे और वे मासिक आधार पर स्वेच्छानुदान राशि दे रहे थे। चूंकि प्रोटेम स्पीकर कुछ समय का ही होता है और स्पीकर नियमित पद है, इसलिये अब प्रोटेम स्पीकर को दिये मासिक आधार पर स्वेच्छानुदान देने का प्रावधान खत्म कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि वित्त विभाग स्वेच्छानुदान की राशि का बजट त्रैमासिक आधार पर देता है तथा अब त्रैमासिक आधार पर ही स्वेच्छानुदान राशि व्यय की जा सकेगी। मसलन, यदि स्वेच्छानुदान राशि सालाना ढाई करोड़ रुपये है तो इसे चार त्रैमास में बांटे जाने पर प्रति त्रैमास राशि करीब 63 लाख रुपये होती है तथा अब इसी त्रैमास आधार पर ही यह राशि व्यय करना होगी।
- डॉ. नवीन जोशी
प्रोटेम स्पीकर को दिये स्वेच्छानुदान के अधिकार समाप्त किये
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भोपाल
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