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मध्य प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ी: कैग ने की कई खामियों की पहचान

Location: भोपाल                                                 👤Posted By: prativad                                                                         Views: 642

भोपाल: 24 अगस्त 2023। नियंत्रक एवं महा लेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में मध्य प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना में कई गड़बड़ी सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर 2018 से मार्च 2021 के बीच 10 जिलों के 46 अस्पतालों का सैंपल के तौर पर आडिट किया गया। इसमें आठ हजार 81 ऐसे रोगी मिले हैं, जिनका एक ही समय में दूसरे अस्पतालों में भी उपचार दिखाकर भुगतान प्राप्त किया गया। 213 अस्पतालों ने यह गड़बड़ी की है।

वहीं, 403 ऐसे रोगियों के उपचार का दावा पेश कर भुगतान लिया जो मर चुके थे। यह राशि एक करोड़ 12 लाख रुपये थी। 25 अस्पतालों में 81 रोगियों का दो बार आपरेशन दिखाकर भुगतान लिया। अस्पतालों पर लगाए अर्थदंड में सिर्फ चार प्रतिशत की ही वसूली हो पाई।

प्रदेश में 24 ऐसे अस्पताल मिले हैं जो जिन्होंने अस्पताल की बिस्तर क्षमता से ज्यादा मरीजों को भर्ती कर भुगतान प्राप्त किया था। इसमें भोपाल का जवाहर लाल नेहरू कैंसर अस्पताल भी शामिल था। यहां एक समय में सौ रोगियों को भर्ती करने की क्षमता है पर 223 को भर्ती दिखाया गया था। यह गड़बड़ी करने वाले ज्यादातर अस्पताल भोपाल के थे।

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की कार्रवाई
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने योजना की शुरुआत से लेकर अब तक अस्पतालों पर दो करोड़ 46 लाख रुपये अर्थदंड लगाया है। कुछ की संबद्धता समाप्त की गई जबकि कुछ के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई गई है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण का 80 प्रतिशत से अधिक स्टाफ बदला गया है।

अन्य खामियां
कैग की रिपोर्ट में योजना में निम्नलिखित खामियां भी सामने आई हैं:
गलती करने वाले अस्पतालों से 33 लाख 57 हजार रुपये अर्थदंड की वसूली की जानी थी, पर सिर्फ चार प्रतिशत की वसूली हो पाई थी। कम वसूली के मामले में छत्तीसगढ़ के बाद मप्र दूसरा राज्य है।

305 ऐसे दावे मिले हैं, जिनमें अस्पताल में भर्ती होने की तारीख राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण शुरू होने के पहले की थी। इनमें तीन दावों के अनुमोदन की तारीख भी प्राधिकरण शुरू होने के पहले की थी।

प्रदेश के किसी भी जिले में जिला स्तरीय शिकायत निवारण समितियों को गठन नहीं किया गया था। पहली बार मई 2023 में इनका गठन हुआ।

दो लाख 66 हजार दावों का भुगतान बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण के बिना किया गया।

11 दावों में एक लाख 34 हजार रुपये का भुगतान अक्षम आयुष्मान कार्डों में किया गया।

63 दावों का भुगतान कार्ड अस्वीकृति करने की तिथि के बाद किया गया। इसकी राशि सात लाख 16 हजार रुपये थी।

मध्य प्रदेश में व्हिसिल ब्लोअर की नीति को नहीं अपनाया गया।

स्वास्थ्य मंत्री ने की कार्रवाई की पुष्टि

मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा. प्रभुराम चौधरी ने कैग की रिपोर्ट की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम और औचक निरीक्षण कर गड़बड़ी करने वाले अस्पतालों को पकड़कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की गई है। कुछ के विरुद्ध एफआइआर भी कराई गई है। पुराना स्टाफ भी बदला गया है। अब पूरी व्यवस्था पारदर्शी है।




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