×

माधव नेशनल पार्क के बफर क्षेत्र में 12 ग्रामों से टाईगर रिजर्व बनाने की सहमति मिली

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 692

Bhopal:
भोपाल 30 दिसंबर 2022। राज्य के शिवपुरी जिले में स्थित माधव नेशनल पार्क को टाईगर रिजर्व बनाने के लिये इस पार्क के बफर क्षेत्र में आने वाले 14 ग्रामों में से 12 ग्रामों की सहमति मिल गई है। शेष दो ग्रामों की सहमति अगले सप्ताह तक मिलने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि इस पार्क के कोर एरिया में कोई गांव नहीं है।
सभी ग्रामों की सहमति मिलने पर वन विभाग पार्क को टाईगर रिजर्व बनाने का प्रस्ताव तैयार करेगा जिसमें कोर एरिया एवं बफर क्षेत्र निर्धारित रहेगा। प्रस्ताव तैयार होने पर इसे पहले राज्य वन्य प्राणी बोर्ड में स्वीकृत कराया जायेगा तथा इसके बाद केंद्र सरकार की सहमति के लिये भेजा जायेगा। अब तक प्रदेश में छह टाईगर रिजर्व हैं तथा उक्त पार्क को मिलकार सात टाईगर रिजर्व हो जायेंगे।
तीन बाघों के लिये लिये मिली मंजूरी :
माधव नेशनल पार्क में पहले चरण में तीन बाघों को लाये जाने की केंद्र सरकार के राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से मंजूरी मिल गई है तथा राज्य सरकार ने भी दो मादा एवं एक नर बाघ को इस पार्क में लाये जाने की सैध्दांतिक सहमति दे दी है। पार्क के टाईगर रिजर्व घोषित होने पर ये बाघ पन्ना, बांधवगढ़ एवं सतपुड़ा टाईगर रिजर्व से लाये जायेंगे क्योंकि माधव पार्क में अभी एक भी बाघ मौजूद नहीं है। पहले भोपाल में केरवा क्षेत्र में घूम रहे बाघों में से एक बाघ को माधव नेशनल पार्क ले जाने की योजना थी परन्तु हाल ही में वहां के एक बाघ को भोपाल शहर के मेनिट परिसर में आ जाने एवं उसे पकड़ कर सतपुड़ा टाईगर रिजर्व भेजने से यहां से बाघ लेने की योजना रद्द कर दी गई है। दूसरे चरण में दो और बाघ इस पार्क में लाये जायेंगे। पार्क में बाघों के लिये छोटे-छोटे बाड़े बनाये जा रहे हैं जिसमें सप्ताह भर रखने के बाद इन्हें पार्क के खुले क्षेत्र में छोड़ दिया जायेगा। पहले चरण में एक नर बाघ और दो मादा बाघ इसलिये लाये जा रहे हैं क्योंकि दो नर बाघ लाने में उनके आपस में लड़ाई करने की संभावना रहती है। वर्षों पूर्व पन्ना नेशनल पार्क में भी जब बाघों की संख्या शून्य हो गई थी जब भी वहां पहले चरण में एक नर एवं दूसरी मादा बाघ लाये गये थे जिससे बाद में इनका कुनबा काफी बढ़ गया था।


- डॉ. नवीन जोशी

Madhya Pradesh, MP News, Madhya Pradesh News, Hindi Samachar, prativad.com

Related News

Latest News

Global News