
6 जुलाई 2024। आईआईटी इंदौर ने डीआरडीओ के साथ मिलकर एक नई तकनीक विकसित की है जिसमें जूते ही बिजली पैदा करेंगे और साथ ही पहनने वाले की लोकेशन भी बताएंगे।
ये जूते सेना के लिए खास तौर पर उपयोगी होंगे। इनमें लगी एक खास तकनीक से पैरों की हर गति पर बिजली बनती है, जिसका इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चार्ज करने में किया जा सकता है। साथ ही, इन जूतों में जीपीएस और आरएफआईडी तकनीक भी लगी है जिससे सैनिकों की लोकेशन का पता चलता रहेगा।
इस तकनीक का फायदा सिर्फ सेना तक ही सीमित नहीं है। बुजुर्गों, बच्चों और मरीजों को भी इसका फायदा मिलेगा। बुजुर्गों को अपने परिवार वालों को अपनी लोकेशन बताने में आसानी होगी, जबकि माता-पिता अपने बच्चों की लोकेशन ट्रैक कर सकेंगे।
इसके अलावा, स्पोर्ट्स और उद्योगों में भी इन जूतों की काफी संभावनाएं हैं। एथलीटों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में और उद्योगों में कर्मचारियों की लोकेशन ट्रैक करने में इनका इस्तेमाल किया जा सकता है।
आईआईटी इंदौर ने डीआरडीओ को इन जूतों की 10 जोड़ी सौंप दी है और उम्मीद है कि जल्द ही ये जूते सेना में इस्तेमाल होने लगेंगे।