26 अक्टूबर 2024। भारत में अब एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा स्टारलिंक लाने की तैयारी तेज हो गई है। हाल ही में भारत के टेलीकॉम मंत्री ने पुष्टि की है कि भारत में सैटेलाइट स्पेक्ट्रम नीलामी के बजाय प्रशासनिक आवंटन के जरिए दिया जाएगा, जिससे जियो जैसी कंपनियां असंतुष्ट हैं। इस पर मस्क ने ट्वीट कर कहा कि "हम भारत के लोगों को स्टारलिंक सेवा देने की पूरी कोशिश करेंगे।"
स्टारलिंक, पारंपरिक ब्रॉडबैंड की तरह केबल या वायरलेस के बजाय, सैटेलाइट्स के एक समूह का उपयोग कर दूरस्थ क्षेत्रों में इंटरनेट प्रदान करता है। इसकी सेवा का मुख्य उद्देश्य है उन क्षेत्रों में इंटरनेट देना जो दूर-दराज हैं, या जहां पारंपरिक इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है। पारंपरिक सैटेलाइट सेवाओं की तुलना में, स्टारलिंक के सैटेलाइट पृथ्वी के करीब होने के कारण इसकी स्पीड अधिक और कनेक्शन बेहतर होता है।
स्टारलिंक सेवा का लाभ लेने के लिए एक किट की आवश्यकता होती है जिसमें एक सैटेलाइट डिश, वाई-फाई राउटर, और केबल्स शामिल होते हैं। एक बार डिश स्थापित होने के बाद, यह सैटेलाइट से सिग्नल प्राप्त कर वाई-फाई के माध्यम से इंटरनेट प्रदान करती है। हालाँकि, यह सेवा काफी महंगी है। स्टारलिंक का सबसे सस्ता मासिक प्लान लगभग 4,200 रुपये में है, जबकि एयरटेल और जियो के प्लान्स 400-500 रुपये से शुरू होते हैं।
भारत में डिजिटल अंतर को पाटने में स्टारलिंक एक अहम भूमिका निभा सकता है, लेकिन इसके प्रवेश से जियो और एयरटेल जैसी कंपनियों को प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा।
स्टारलिंक बनाम जियो: भारत में सैटेलाइट स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर मचा घमासान
Place:
भोपाल 👤By: prativad Views: 4080
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