बड़ी राहत: ₹2000 से अधिक के UPI लेनदेन पर नहीं लगेगा कोई टैक्स, सरकार ने दी सफाई

News from Bhopal, Madhya Pradesh News, Heritage, Culture, Farmers, Community News, Awareness, Charity, Climate change, Welfare, NGO, Startup, Economy, Finance, Business summit, Investments, News photo, Breaking news, Exclusive image, Latest update, Coverage, Event highlight, Politics, Election, Politician, Campaign, Government, prativad news photo, top news photo, प्रतिवाद, समाचार, हिन्दी समाचार, फोटो समाचार, फोटो
Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 13224

प्रतिवाद डेस्क | 18 अप्रैल 2025

डिजिटल भुगतान करने वाले करोड़ों भारतीयों के लिए एक बड़ी राहत और स्पष्टता सामने आई है। केंद्र सरकार ने 18 अप्रैल 2025 को स्पष्ट कर दिया कि ₹2000 से अधिक के किसी भी UPI लेनदेन पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) या कोई अतिरिक्त टैक्स नहीं लगाया जा रहा है।

हाल ही में सोशल मीडिया और कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि सरकार ₹2000 से अधिक के UPI लेनदेन पर 1.1% टैक्स लगाने जा रही है, जिससे आम नागरिकों में भ्रम और चिंता फैल गई थी।

👉 सरकार ने क्या कहा?
वित्त मंत्रालय और जीएसटी विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि:
सरकार द्वारा ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
₹2000 से अधिक के UPI लेनदेन पर कोई टैक्स या जीएसटी नहीं लगेगा।
इस संबंध में चल रही खबरें पूरी तरह झूठी, भ्रामक और निराधार हैं।

👉 क्या है सच्चाई?

जीएसटी केवल कुछ विशेष उपकरणों के ज़रिए किए गए व्यापारिक भुगतान (जैसे PPI - Prepaid Payment Instruments) के मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) पर लगता है।

जनवरी 2020 से व्यक्ति-से-व्यापारी (P2M) UPI लेनदेन पर MDR हटा दिया गया है, इसलिए इन पर किसी प्रकार का GST भी लागू नहीं होता।

👉 UPI को बढ़ावा देने के लिए सरकार की योजनाएं:
सरकार ने साफ किया है कि वह UPI और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

2021-22 से केंद्र सरकार एक प्रोत्साहन योजना चला रही है, जिसका उद्देश्य छोटे व्यापारियों को डिजिटल भुगतान की ओर प्रेरित करना है।

इस योजना के तहत किए गए आवंटन:

FY 2021-22: ₹1,389 करोड़
FY 2022-23: ₹2,210 करोड़
FY 2023-24: ₹3,631 करोड़

👉 भारत बना डिजिटल भुगतान में विश्व लीडर
ACI वर्ल्डवाइड की 2024 रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में वैश्विक रियल टाइम ट्रांजैक्शनों में भारत की हिस्सेदारी 49% रही, जो यह दर्शाता है कि भारत डिजिटल भुगतान क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

FY 2019-20 में कुल UPI लेनदेन मूल्य ₹21.3 लाख करोड़ था, जो FY 2024-25 में बढ़कर ₹260.56 लाख करोड़ तक पहुँच गया है।

खास बात यह है कि P2M लेनदेन ₹59.3 लाख करोड़ तक पहुंच गए हैं।

📢 निष्कर्ष:
आप जब भी ₹2000 से अधिक की कोई UPI पेमेंट करें – चाहे वह BHIM, GPay, PhonePe या किसी अन्य बैंकिंग ऐप से हो – आपको कोई अतिरिक्त टैक्स या जीएसटी नहीं देना होगा। यह सुविधा पहले की तरह पूरी तरह निशुल्क है।

सरकार ने सभी नागरिकों से अपील की है कि भ्रामक खबरों पर ध्यान न दें और किसी भी सूचना की पुष्टि केवल आधिकारिक स्रोतों से करें।

📌 डिजिटल इंडिया की दिशा में यह स्पष्टता एक और मजबूत कदम है।


Related News

Global News