
19 फरवरी 2025। छत्तीसगढ़ सरकार ने छोटे दुकानदारों को राहत और कर्मचारियों के अधिकारों के संरक्षण के लिए छत्तीसगढ़ दुकान एवं स्थापना (नियोजन एवं सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2017 और नियम 2021 को पूरे राज्य में लागू कर दिया है। इसके साथ ही पुराना अधिनियम 1958 और नियम 1959 को निरस्त कर दिया गया है।
नए अधिनियम के मुख्य बिंदु:
छोटे दुकानदारों को राहत: नया कानून केवल 10 या अधिक कर्मचारियों वाली दुकानों और स्थापनाओं पर ही लागू होगा। पहले, बिना किसी कर्मचारी के भी सभी दुकानें अधिनियम के दायरे में आती थीं।
सरल पंजीयन प्रक्रिया: दुकान और स्थापनाओं के पंजीयन शुल्क को कर्मचारियों की संख्या के आधार पर तय किया गया है। न्यूनतम शुल्क 1,000 रुपये और अधिकतम 10,000 रुपये होगा। पहले यह शुल्क 100 रुपये से 250 रुपये तक था।
ऑनलाइन पंजीयन: सभी पात्र दुकानों और स्थापनाओं को श्रम विभाग के पोर्टल shramevjayate.cg.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन पंजीयन कराना अनिवार्य होगा।
स्वचालित पंजीकरण: कर्मचारी राज्य बीमा और भविष्य निधि में पहले से पंजीकृत दुकानें नए अधिनियम में स्वतः शामिल होंगी।
24 घंटे दुकानें खुली रह सकती हैं: दुकानें 24 घंटे और पूरे सप्ताह खुली रह सकती हैं, बशर्ते कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश दिया जाए।
महिला कर्मचारियों के लिए सुरक्षा: कुछ सुरक्षा शर्तों के साथ महिला कर्मचारियों को रात में भी काम करने दिया जाएगा।
इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड: सभी नियोजकों को अपने कर्मचारियों के रिकॉर्ड इलेक्ट्रॉनिक रूप से मेंटेन करने होंगे।
वार्षिक विवरण: हर साल 15 फरवरी तक सभी दुकान एवं स्थापनाओं को अपने कर्मचारियों का वार्षिक विवरण ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
जुर्माने में वृद्धि: नए अधिनियम में जुर्माने की राशि बढ़ाई गई है, लेकिन अपराधों के कम्पाउंडिंग की सुविधा दी गई है।
फैसिलिटेटर की नियुक्ति: निरीक्षकों की जगह फैसिलिटेटर और मुख्य फैसिलिटेटर नियुक्त किए जाएंगे, जो व्यापारियों और नियोजकों को बेहतर मार्गदर्शन देंगे।
श्रम विभाग द्वारा पंजीयन: अब दुकान और स्थापनाओं का पंजीयन कार्य श्रम विभाग द्वारा किया जाएगा।
नए अधिनियम के लाभ:
छोटे दुकानदारों को अनावश्यक नियमों से मुक्ति मिलेगी।
पंजीयन प्रक्रिया सरल और ऑनलाइन होने से समय और धन की बचत होगी।
कर्मचारियों के अधिकारों का बेहतर संरक्षण हो सकेगा।
दुकानें 24 घंटे खुली रहने से व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
महिला कर्मचारियों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
डिजिटल रिकॉर्ड रखने से पारदर्शिता बढ़ेगी।
फैसिलिटेटर की नियुक्ति से व्यापारियों और नियोजकों को मार्गदर्शन मिलेगा।
छत्तीसगढ़ सरकार का यह नया अधिनियम व्यापारियों और कर्मचारियों दोनों के हितों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इससे छोटे दुकानदारों को राहत मिलेगी, पंजीकरण प्रणाली पारदर्शी बनेगी और कर्मचारियों को अधिक सुरक्षा मिलेगी।