भोपाल: 14 नवंबर 2023। 43वीं शलाका प्रदर्शनी के तहत शहर के जनजातीय संग्रहालय की लिखंदरा गैलरी में भील कलाकारों की लगभग 25 ऐक्रेलिक कलाकृतियाँ प्रदर्शित हैं।
दिलीप गणावा की असाधारण प्रतिभा और बहुमुखी व्यक्तित्व उनकी कला में झलकता है, जिसमें जानवरों, पक्षियों, पेड़ों, विशेष रूप से बरगद, भगवान गणेश की सुंदर आकृतियाँ शामिल हैं, जो कैनवास और पेपर शीट पर प्रदर्शनी में प्रदर्शित हैं।
43वीं शलाका प्रदर्शनी के तहत शहर के जनजातीय संग्रहालय की लिखंदरा गैलरी में भील कलाकारों की लगभग 25 ऐक्रेलिक कलाकृतियाँ प्रदर्शित हैं। दिलीप एमपी के आदिवासी बहुल झाबुआ जिले के एक छोटे से गांव नयागांव खालसा के रहने वाले हैं। वह 17 साल से इस पेशे में हैं।
वह कुछ साल पहले नौकरी की तलाश में भोपाल आया था। लेकिन उनकी चाची भील, चित्रकार पद्मश्री भूरी बाई और गंगूबाई की कलाकृतियों ने उन्हें इतना प्रेरित किया कि उन्होंने चित्रकार बनने का फैसला कर लिया।
उन्होंने गैंगवे चाची के मार्गदर्शन में शुरुआत की। लेकिन खेती और पारिवारिक ज़िम्मेदारियों के कारण उन्हें अपने पैतृक गाँव लौटना पड़ा। उन्होंने दिल्ली, भोपाल, जयपुर, उदयपुर आदि कई स्थानों पर प्रदर्शनियों में भाग लिया है।
जनजातीय संग्रहालय में भील कलाकारों की 25 ऐक्रेलिक कृतियाँ प्रदर्शित
Location:
भोपाल
👤Posted By: prativad
Views: 1445
Related News
Latest News
- मौत के करीब पहुंची महिला का अनोखा अनुभव: मृत्यु नहीं होती, बस एक नई शुरुआत होती है
- हरिद्वार की तर्ज पर उज्जैन में भी स्थायी आश्रम बन सकेंगे: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
- डेटिंग ऐप्स पर प्रेम के नाम पर ठगी, कैसे पता करें आपके साथ हो रही धोखाधड़ी
- पंजाब ज्वेल्स ने मध्य भारत में मारी बाजी, दो बड़े पुरस्कार जीते
- प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना की क्षमता में हुई अभूतपूर्व वृद्धि: : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
- मध्य प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों को मिला बड़ा तोहफा, आय में होगा इजाफा