डॉ. नवीन जोशी
12 दिसंबर 2021। राज्य सरकार ने भू-अधिकार पुस्तिका में समग्र आईडी के भी उल्लेख को अनिवार्य करने का प्रावधान किया है। पहले यह प्रावधान नहीं था। इसके लिये पिछले साल बने मप्र भू-राजस्व संहिता भू-सर्वेक्षण तथा भू-अभिलेख नियम 2000 में बदलाव किया गया है तथा यह नया प्रावधान पूरे प्रदेश में प्रभावशील किया कर दिया गया है।
यह भी किया बदलाव :
अब ऑनलाईन कम्प्यूटरीकृत भू-अधिकार पुस्तिका लेने के लिये पहले पृष्ठ का 30 रुपये एवं अतिरिक्त पृष्ठ का 15 रुपये प्रति पृष्ठ लिया जायेगा। पहले 50 रुपये लिये जाने का प्रावधान था। आम तौर पर भू-अधिकार पुस्तिका दो पृष्ठ की ही होती है, इसलिये ग्रामीणों से अधिकतम 45 रुपये लिया जा सकेगा।
निजी भूमि भी अधिग्रहित हो सकेगी :
हाल ही में राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना लांच की है। इसमें ग्रामीण क्षेत्र में भूमिहीनों को अधिकतम 60 वर्गमीटर भूमि नि:शुल्क देने का प्रावधान किया गया है। योजना में यह भी प्रावधान किया गया है कि यदि किसी ग्राम में रिक्त भूमि नहीं है तो सरकार निजी भूमि अधिग्रहित कर ग्रामीणों को वितरित करेगी। निजी भूमि में खेत भी शामिल रहेंगे।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि समग्र आईडी होने से व्यक्ति के परिवार का पता चल सकेगा तथा उसके पास कहां-कहां भूमियां हैं, इसकी भी जानकारी मिल जायेगी। भूमिहीनों को नि:शुल्क भूमि देने के लिये जरुरत पडऩे पर निजी भूमि भी अधिग्रहित करने का प्रावधान किया गया है।
अब भू-अधिकार पुस्तिका में समग्र आईडी का भी जिक्र होगा
Place:
Bhopal 👤By: DD Views: 2223
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