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किसानों की आय बढ़ाने के लिए सीएम साय का नया प्लान: सुगंधित धान की खेती को मिलेगा बढ़ावा

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Location: रायपुर                                                 👤Posted By: prativad                                                                         Views: 773

रायपुर: 14 जून 2024। छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत राज्य में सुगंधित धान की खेती को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया जाएगा।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किसानों की आय में वृद्धि के लिए सुगंधित और महीन धान की किस्मों के उत्पादन पर जोर देने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री साय ने लोकसभा चुनावों के दौरान लगी आचार संहिता की समाप्ति के बाद आज से विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठकें शुरू कीं। कृषि और उद्यानिकी विभाग की समीक्षा बैठक में कृषि विकास, किसान कल्याण और जैव प्रौद्योगिकी मंत्री रामविचार नेताम भी शामिल हुए।

मुख्यमंत्री ने कहा, "हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता खेती-किसानी की बेहतरी है। किसानों को खेती में सहूलियत प्रदान करने के लिए खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए और भंडारण एवं वितरण की स्थिति की लगातार निगरानी की जाए।"

छत्तीसगढ़ में सुगंधित धान की 200 किस्में
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री साय ने किसानों को राज्य में सुगंधित और महीन धान की किस्मों की खेती के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया है। छत्तीसगढ़ में सुगंधित धान की लगभग 200 किस्में हैं, जिनकी बाजार में अच्छी मांग है। इन किस्मों का निर्यात भी किया जा सकेगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।

प्रोसेसिंग यूनिट्स के निर्देश
साय ने उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने का निर्देश देते हुए बताया कि जशपुर जिले में आम, लीची, कटहल का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। उन्होंने कहा कि चाय का उत्पादन भी शुरू हुआ है और इनके प्रोसेसिंग यूनिट्स स्थापित किए जाएं। मुख्यमंत्री ने उद्यानिकी विभाग की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि किसानों को उद्यानिकी फसलों के प्रति जागरूक किया जाए और राज्य में फूलों की खेती को भी प्रोत्साहित किया जाए।

सेंटर फॉर एक्सीलेंस की स्थापना
मुख्यमंत्री साय ने सोयाबीन, सेब, पॉम ऑयल और चाय की खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तर पर प्रोजेक्ट तैयार करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि फसल चुनते समय क्षेत्र की जलवायु का ध्यान रखा जाए। अधिकारियों ने जानकारी दी कि उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य में 'सेंटर फॉर एक्सीलेंस' की स्थापना की जाएगी।

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