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खंडवा जिले ने रचा कीर्तिमान, देश में बढ़ाया मध्य प्रदेश का मान

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 2970

जल संचय करने वाले जिलों में देशभर में आया नंबर वन, केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने जारी की सूची, मध्यप्रदेश पूरे देश में चौथे नंबर पर

1 जून 2025। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के जल संरक्षण अभियान को मध्यप्रदेश सरकार मिशन के रूप में कार्य कर रही है। प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में बारिश के पानी का संचयन करने व पुराने जल स्त्रोतों को नया जीवन देने के लिए जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश में बारिश के पानी को रोकने खेत तालाब, कूप रिचार्ज पिट, अमृत सरोवर सहित अन्य कार्य किए जा रहे हैं। इसी का परिणाम है कि केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे जल संचय, जन भागीदारी अभियान में खंडवा जिले ने कीर्तिमान रचा है। देशभर में मध्यप्रदेश का मान बढ़ाया है। जल संचय करने वाले जिलों में देशभर में प्रथम स्थान हासिल किया है। जबकि पूरे देश में मध्यप्रदेश चौथे नंबर है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने प्रदेश व जिलों की रैंकिंग भी जारी की है।

जल गंगा संवर्धन अभियान के राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी व मनरेगा आयुक्त अवि प्रसाद ने बताया कि जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत प्रदेश में बारिश के पानी का संचय करने व पुराने जल स्त्रोतों का जीर्णोद्धार करने के लिए बड़े स्तर पर कार्य किया जा रहा है। केंद्र सरकार के जल संचय, जन भागीदारी अभियान में खंडवा जिल ने देश भर में प्रथम स्थान हासिल किया है, जबकि पूरे देश में मध्यप्रदेश चौथे नंबर है।

तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और राजस्थान हैं मध्यप्रदेश से आगे
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी की गई रैंकिंग के अनुसार मध्यप्रदेश से आगे सिर्फ तीन प्रदेश है। इसमें पहले नंबर पर तेलंगाना, दूसरे पर छत्तीसगढ़ और तीसरे नंबर पर राजस्थान है।


खंडवा

बारिश के पानी को बचाने खंडवा जिले में किए गए यह कार्य
खंडवा जिले में अभियान अंतर्गत मनरेगा, 15वां वित्त, 5वां वित्त, सीएसआर एवं जनसहयोग से 1,29,046 से अधिक संरचनाओं का निर्माण एवं पंजीकरण किया गया। जिसमें 12750 कूप रिचार्ज पिट, 1500 रिचार्ज सॉफ्ट, 23570 डगवेल, 5780 बोल्डर चेकडेम, 1256 बोल्डर वॉल, 3960 बोरीबंधान, 7455 पत्थर/मिट्टी के फील्डबण्ड, 5500 गलीप्लग (गेबीयन/लूज बोल्डर), 3269 नाला ट्रेंच, 6528 हैंडपंप रिचार्ज, 39000 रूफवाटर हार्वेस्टिंग, 58 चेकडैम/स्टॉपडैम/तालाब, 4800 पोखर तालाब, 2275 ड्रेनवर्क, 1500 खेत तालाब, 68 कंटूर ट्रेंच, 750 सूखे बोर रिचार्ज, 2462 जीर्णोद्धार कार्य एवं 6560 अन्य जल संरक्षण के जैसे जल संरचनाओं का पुनरुद्धार, हैंडपंप पुनर्भरण, सूखे बोरवेल का पुनर्भरण, कुएं का पुनर्भरण कार्य शामिल है।

भौतिक सत्यापन के बाद होगी पुरस्कार की घोषणा
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी रैंकिंग के बाद भारत सरकार द्वारा जिले में हुए कार्यों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। इसके बाद केंद्र सरकार द्वारा पुरस्कार की घोषणा की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि जल संचय, जन भागीदारी अभियान अंतर्गत 1 अप्रैल 2024 से 31 मई 2025 के बीच जो निर्माण किया गया है, उसके आधार पर खंडवा जिला देशभर में पहले नंबर पर है।

क्या है "जल संचय, जन भागीदारी अभियान
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जल प्रबंधन को लेकर समग्र दृष्टिकोण के अंतर्गत सरकार तथा समाज के समन्वित प्रयासों द्वारा विविध जल आवश्यकताओं को पूरा करने पर बल दिया। जिसका उद्देश्य "जहां गिरे, जब गिरे -वर्षा का जल संचित करें" के मंत्र के साथ वर्षा जल संचयन और जन सहभागिता को बढ़ावा देना है। इस अभियान की सफलता के आधार पर जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग (DoWR, RD & GR) ने 6 सितंबर 2024 को जल शक्ति अभियानः कैच द रेन (JSA:CTR) के तहत "जल संचय, जन भागीदारी (JSJB)" पहल की शुरुआत की गई। जिसका उद्देश्य कम लागत, वैज्ञानिक और सामुदायिक तरीके से भूजल पुनर्भरण को बढ़ावा देना एवं समुदायों की भागीदारी के माध्यम से कृत्रिम भूजल पुनर्भरण की आवश्यकता के प्रति जन-जागरूकता फैलाना है, ताकि जल संकट जैसी चुनौतियों का समाधान किया जा सके। सामुदायिक भागीदारी से विभिन्न संगठनों और व्यक्तियों को जल संरक्षण परियोजनाओं की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित करना। संरचनाओं का निर्माण एवं पुनरुद्धार कर कम लागत में प्रभावी कृत्रिम पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण जैसे: बोरवेल रिचार्ज सिस्टम, रिचार्ज शाफ्ट, रूफटॉप वर्षा जल संचयन, जलाशय व गड्डों का पुनरुद्धार करना, (नगर निकायों में कम से कम 10,000 संरचनाएं और हर गाँव में 5 संरचनाएं निर्माण का लक्ष्य) सहयोग से स्थायित्व के लिए संसाधनों के लिए विभिन्न संस्थाओं की भागीदारी और वित्तीय सहायता एवं जन-जागरूकता और शिक्षा के तहत जल संरक्षण और कुशल उपयोग के लिए जन अभियान है।

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