
भोपाल में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का सफल आयोजन, 30 राज्यों से विशेषज्ञ हुए शामिल
6 जून 2025। डिजिटल भारत की दिशा में एक और अहम कदम बढ़ाते हुए, ‘नक्शा’ वेब-जीआईएस समाधान आधारित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का भोपाल में सफल आयोजन हुआ। यह कार्यशाला मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (MPSEDC) और भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई।
कार्यशाला में देश के 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आए 44 से अधिक वरिष्ठ अधिकारी और जीआईएस विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। उन्होंने भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण, आधुनिक तकनीकों के अनुप्रयोग और नागरिक सेवाओं को सरल बनाने के मुद्दों पर अनुभव साझा किए।
भारत सरकार के भूमि संसाधन विभाग के संयुक्त सचिव श्री कुणाल सत्यार्थी ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा, "सबसे अच्छी तकनीक वही होती है जिसे आम लोग सहजता से अपना सकें।" उन्होंने राज्यों से नागरिक-केंद्रित डिजिटल समाधान अपनाने, प्रशिक्षण को प्राथमिकता देने और सुधारों की निरंतरता बनाए रखने की अपील की।
दूसरे दिन की शुरुआत सांची क्षेत्र के फील्ड सर्वेक्षण डेटा के लाइव प्रदर्शन से हुई, जिसमें NAKSHA ऐप की प्रमुख क्षमताएं जैसे प्लॉट विभाजन, रिकॉर्ड ऑफ राइट्स (RoR) अपडेट और प्रकाशन प्रक्रिया का वर्कफ्लो प्रस्तुत किया गया। MPSEDC टीम ने बताया कि ऐप के ऑफलाइन डेटा अपलोड और इंटरैक्टिव डैशबोर्ड जैसे फीचर्स से भूमि प्रबंधन और अधिक सुगम बनता है।
कार्यशाला के विभिन्न सत्रों में राज्यों ने अपनी सफल डिजिटल भूमि परियोजनाओं को साझा किया। केरल ने "एंटे भूमि" वेब-जीआईएस प्लेटफॉर्म प्रस्तुत किया, जो शिकायत निवारण, फील्ड मॉनिटरिंग और नागरिक सेवाओं का एकीकृत समाधान प्रदान करता है। कर्नाटक और आंध्र प्रदेश ने भी अपने नवाचारों और डिजिटल मैपिंग की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
राउंडटेबल सत्र में राज्यों को चार समूहों में बांटकर डेटा एकीकरण, प्रशिक्षण, कार्यान्वयन की समयसीमा और यूजर इंटरफेस के सुधार जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर MPSEDC की तकनीकी टीम के साथ विस्तृत चर्चा की गई। आंध्र प्रदेश, केरल और मेघालय द्वारा प्रस्तुत नवाचारों को विशेष सराहना मिली।
समापन सत्र में MPSEDC के एडिशनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर संदीप गोयल ने सभी राज्यों की सहभागिता की सराहना करते हुए कहा, "यह कार्यशाला भारत में डिजिटल भूमि प्रबंधन के लिए एक ऐतिहासिक पहल है, जो ‘नक्शा’ प्लेटफॉर्म को राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार देने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी।"