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रेत खनिज से जिला खनिज प्रतिष्ठान को मिलने वाली राशि में से दस प्रतिशत पर्यावरण संरक्षण में व्यय होगी

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 726

Bhopal: 8 मार्च 2020। रेत खनिज से जिला खनिज प्रतिष्ठान को मिलने वाली राशि में से दस प्रतिशत राशि का उपयोग अब पर्यावरण संरक्षण हेतु व्यय किया जाना जरुरी होगा। इस संबंध में राज्य सरकार ने नया प्रावधान प्रभावशील कर दिया है।
50 रुपये घनमीटर है राशि :
मप्र रेत खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्यापार नियम 2019 के तहत रेत खनिज से मिलने वाली राशि में से 50 रुपये प्रति घनमीटर की दर से रकम जिला खनिज प्रतिष्ठान में जमा किये जाने का प्रावधान है। इसी रकम का दस प्रतिशत भाग जिला खनिज प्रतिष्ठान को अब पर्यावरण संरक्षण में अनिवार्य रुप से व्यय करना होगा।
इसलिये किया यह नया प्रावधान :
उक्त नया प्रावधान इसलिये किया गया है क्योंकि नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल ने एक प्रकरण में दो बिन्दुओं पर निर्देश जारी किये गये हैं। ये दो निर्देश हैं : एक, अवैध रेत खनन के प्रकरणों में लगाये जाने वाले दण्ड में पर्यावरण क्षति के लिये दण्ड का स्पष्ट प्रावधान पृथक से किया जाये। दो, वैध रेत खनन के प्रकरणों में पर्यावरण संरक्षण के उपायों के लिये शासन की रॉयल्टी आदि के अतिरिक्त पृथक से प्रावधान किया जाये। इस दूसरे बिन्दु के निर्देश का पालन करते हुये राज्य सरकार ने उक्त नया प्रावधान किया है।
दस प्रतिशत राशि का यह उपयोग होगा :
जिला खनिज प्रतिष्ठान में रेत खनिज से प्राप्त राशि के दस प्रतिशत भाग का उपयोग पर्यावरण संरक्षण तथा प्रदूषण नियंत्रण के उपाय के कार्यों हेतु अनिवार्यता किया जायेगा। इसके अंतर्गत प्रवाह उपचार संयंत्र, क्षेत्र में झरनों, झीलों, तालाबों, भू-जल तथा अन्य जल स्रोतों के प्रदूषण का निवारण, खनन संक्रिया और उसके ढेर लगाने के कारण होने वाले वायु तथा धूल प्रदूषण को नियंत्रण करने के उपाय, खान की प्रवाह प्रणाली, खान प्रदूषण निवारण तकनीकी तथा पर्यावरण अनुकूल तथा खान के सतत विकास के लिये चालू या परित्यक्त खानों के लिये तथा अन्य वायु, जल तथा सतही प्रदूषण के नियंत्रण के लिये तंत्र स्थापित करने का काम किया जायेगा।
यह स्थिति है अभी जिला खनिज प्रतिष्ठान की :
प्रदेश में जिला खनिज प्रतिष्ठान 28 जुलाई 2016 को जारी नियमों के तहत बनाये गये हैं। इसमें मुख्य खनिज और गौण खनिज दोनों से राशि जमा होती है। वित्त वर्ष 2018-19 में कुल राशि 622 करोड़ 2 लाख रुपये जमा हुई थी। जबकि
31 दिसम्बर 2019 तक यह जमा राशि 2 हजार 800 करोड़ 66 लाख रुपये हो गई थी। इसमें से 980 करोड़ 68 लाख रुपये राज्य प्रतिष्ठान तथा शेष 1 हजार 819 करोड़ 98 लाख रुपये राशि जिलों के खनिज प्रतिष्ठान में जमा थी। कुल जमा राशि में से 812 करोड़ 9 लाख रुपयों का उपयोग नियमों में दी गई प्राथमिकताओं में व्यय की जा चुकी है। इस प्रकार, कुल राशि में से 44.62 प्रतिशत राशि का ही उपयोग हुआ है। कुल जमा राशि का 2 प्रतिशत केंन्द्र के प्रतिष्ठान में भी जमा करना होती है। वर्ष 2018-19 में केंद्र के प्रतिष्ठान में राज्य ने 52 करोड़ 81 लाख रुपये जमा कराई थी।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि जिला खनिज प्रतिष्ठान की राशि का उपयोग करने के लिये प्राथमिकतायें दी गई हैं परन्तु जिले अपने-अपने हिसाब से इन प्राथमिकताओं पर राशि व्यय कर रहे थे। ग्रीन ट्रिब्युनल के निर्देश पर अब रेत खनिज से मिलने वाली राशि का दस प्रतिशत पर्यावरण संरक्षण पर व्यय किया जाना जरुरी होगा।


- डॉ. नवीन जोशी

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