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शिवराज की योजना पलटी : अब कमलनाथ की मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना लांच हुई

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 933

Bhopal: 5 मार्च 2020। शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्रित्वकाल में किसानों के खेत की सिंचाई हेतु बनी मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना पलट कर अब वर्तमान मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी नई सोलर पम्प योजना लांच कर दी है। अब किसानों को सोलर पम्प की लागत से दस प्रतिशत से भी ज्यादा राशि देनी होगी।
तीन साल पहले बनी थी योजना :
शिवराज के मुख्यमंत्रित्वकाल में 4 मार्च 2017 को मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना लांच हुई थी। इसमें 3 एचपी तक के सोलर पम्पों हेतु किसानों को लागत का मात्र दस प्रतिशत ही अदा करना होता था और शेष राशि केंद्र एवं राज्य दोनों मिलकर अदा करती थीं।
नई योजना में अब यह किया :
मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा प्रारंभ की गई सोलर पम्प योजना में अब किसानों से कुल लागत का दस प्रतिशत से भी ज्यादा लिया जायेगा। किसान को अपनी ओर से जो राशि देनी होगी वह फिक्स कर दी गई है। यह फिक्स राशि दस प्रतिशत से ज्यादा बैठती है। नई योजना में एक एचपीडीसी सोलर पम्प हेतु 19 हजार रुपये, 2 एचपीडीसी सरफेस पम्प हेतु 23 हजार रुपये, 2 एचपीडीसी सबमर्सिबल पम्प हेतु 25 हजार रुपये, 3 एचपीडीसी पम्प हेतु 36 हजार रुपये, 5 एचपीडीसी पम्प हेतु 72 हजार रुपये और साढ़े सात एचपीडीसी/एचपीएसी पम्प हेतु 1 लाख 35 हजार रुपये किसानों को अपनी ओर से देने होंगे। शेष राशि में से केंद्र सरकार अपनी कुसुम योजना के तहत 30 प्रतिशत एवं राज्य सरकार इस इस योजना के तहत बाकी बची राशि वहन की करेगी।
इन ग्रामीा क्षेत्रों में योजना का लाभ दिया जायेगा :
नई सोलर पम्प योजना का लाभ राज्य के सभी प्रकार के कृषक ले सकेंगे। वे पोर्टल के माध्यम से आनलाईन आवेदन कर सकेंगे और योजना के तहत सोलर पम्प लगवा सकेंगे। यह योजना प्रदेश के उन दूरदराज क्षेत्रों में प्राथमिकता के साथ लागू की जायेगी जहां विद्युत कंपनियों ने अधोसंरचना का विकास नहीं किया है और कृषि पम्पों हेतु स्थाई विद्युत कनेक्शन नहीं हैं।
यह रहेगी शर्त :
नई योजना में शर्त रखी गई है कि यदि किसान भविष्य में विद्युत चलित पम्प लगाता है तो उसे विद्युत प्रदाय पर कोई अनुदान नहीं दिया जायेगा। यदि किसान विद्युत कनेक्शन हटा देता है और उस पर मिलने वाला अनुदान छोड़ देता है तो उसे इस योजना का लाभ मिल सकेगा।
ऊर्जा का वैकल्पिक उपयोग भी हो सकेगा :
नई योजना में कहा गया है कि कृषि पम्पों के सोलर पैनलों से वर्ष के लगभग 330 दिन एवं औसतन 8 घण्टे प्रतिदिन ऊर्जा का उत्पादन होता है जबकि कृषि पंपिंग हेतु आवश्यक्ता मात्र लगभग 150 दिन ही होती है। इसलिये शेष ऊर्जा का वैकल्पिक उपयोग चाफ कटर, आटा चक्की, कोल्ड स्टोरेज, ड्रायर, बैटरी चार्जर आदि हेतु किया जा सकेगा।
2024 तक लागू रहेगी यह योजना :
नई योजना मार्च 2024 तक लागू रहेगी। इस योजना के तहत कुल दो लाख सोलर पम्पों की स्थापना की जायेगी। पिछली योजना के तहत मात्र 14 हजार सोलर पम्प लगाये गये हैं।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि नई मुख्यमंत्री सोलर कृषि पम्प योजना लांच की गई है। इसका आवेदन आनलाईन करने के लिये इस माह के अंत तक पोर्टल विकसित कर दिया जायेगा। पहले की योजना के मुकाबले किसानों को दस प्रतिशत से अधिक राशि इस नई योजना के तहत देनी होगी।



-डॉ. नवीन जोशी

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