Bhopal: हाईकोर्ट ने सोमवार को धार के भोजशाला में सर्वे की समय सीमा बढ़ाने की मांग को मान लिया है। एएसआई को हाईकोर्ट ने सर्वे के लिए आठ सप्ताह का समय और दिया है। अब एएसआई सर्वे के बाद विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर सकेगा। हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों के तर्क सुने और फिर ASI को सर्वे के लिए 5 जुलाई तक का समय दिया। हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की ओर से सोमवार को हुई सुनवाई में सीनियर एडवोकेट विष्णुशंकर जैन (नई दिल्ली) और विनय जोशी ने हाईकोर्ट में तर्क रखे। एएसआई का कहना है कि वर्तमान ढांचे को सुरक्षित रखते हुए सर्वे करने में अधिक समय लग रहा है। इसलिए हमने अतिरिक्त समय मांगा है।
अब जीपीआर मशीन का होगा इस्तेमाल
एएसआई के मुताबिक सर्वे में अब जीपीआर मशीन इस्तेमाल किया जाएगा। इस मशीन के लिए नेशनल ज्योग्राफिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एनजीआरआइ) से संपर्क किया है। वहां से अनुमति मिलते ही मशीन से सर्वे शुरू हो जाएगा। यह अत्यंत धीमी प्रक्रिया है। इसलिए उसने आठ सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा है।
यह है पूरा विवाद
जिला प्रशासन की वेबसाइट के अनुसार भोजशाला राजा भोज ने बनवाई थी। यह यूनिवर्सिटी थी, जिसमें वाग्देवी की प्रतिमा स्थापित की गई थी। मुस्लिम शासक ने इसे मस्जिद में परिवर्तित कर दिया था। भोजशाला में मंगलवार को हिंदू पक्ष को पूजा-अर्चना करने की अनुमति है। शुक्रवार को मुस्लिम पक्ष को नमाज पढ़ने के लिए दोपहर 1 से 3 बजे तक प्रवेश दिया जाता है। हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने 1 मई 2022 को इंदौर हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि हर मंगलवार को हिंदू भोजशाला में यज्ञ कर उसे पवित्र करते हैं और शुक्रवार को मुसलमान नमाज के नाम पर यज्ञ कुंड को अपवित्र कर देते हैं। इसे रोका जाए। भोजशाला का पूर्ण आधिपत्य हिंदुओं को सौंपा जाए। इसके लिए आवश्यक हो तो संपूर्ण भोजशाला की फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और खुदाई करवाई जाए। हाईकोर्ट ने इन बिंदुओं के आधार पर एएसआई की टीम सर्वे कर रही है लेकिन इसके लिए अभी और समय की मांग की गई है।
भोजशाला में सर्वे के लिए एएसआई को मिला आठ सप्ताह का समय, पांच जुलाई तक कर सकेंगे काम
Location:
Bhopal
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