
29 अप्रैल 2024। योजना के विपरीत नगर निगम महिला ग्राहकों को छोड़कर पुरुषों को दुकानें आवंटित कर रहा है। 2020-21 में नगर पालिका परिषद सीहोर ने नगर पालिका की भूमि पर महिला बाजार भवन का निर्माण कराया।
सीहोर में स्थापित पहला महिला बाजार परवान नहीं चढ़ सका है। नगर पालिका परिषद ने मनकामेश्वर मंदिर के सामने पुस्तकालय भवन को तोड़कर महिला बाजार बनाने में करीब 80 लाख रुपये खर्च किए। योजना के विपरीत नगर निगम महिला ग्राहकों को छोड़कर पुरुषों को दुकानें आवंटित कर रहा है। 2020-21 में नगर पालिका परिषद सीहोर ने नगर पालिका की भूमि पर महिला बाजार भवन का निर्माण कराया।
दो मंजिला इमारत में विभिन्न आकार की 21 दुकानें हैं, जिनका उद्देश्य महिलाओं को व्यवसाय चलाना है। उल्लेखनीय है कि शहर में कोई सरकारी स्वामित्व वाली महिला बाजार नहीं है। यह पहला बाज़ार था जहाँ महिलाएँ स्वतंत्र रूप से दुकानें चला सकती थीं। यहां मार्केट बने लगभग चार साल हो गए हैं, लेकिन कुल 21 निर्मित दुकानों में से केवल आठ दुकानों की ही नीलामी हो पाई है।
इसके अलावा, इन दुकानों में से केवल दो दुकानें महिलाओं को आवंटित की गई हैं, जबकि छह दुकानें पुरुषों को आवंटित की गई हैं। एक दुकान की कीमत 13 लाख रुपये थी, जिसके कारण निम्न और मध्यम आय वाले परिवार नीलामी में भाग नहीं ले सके।
अब इस मार्केट का नाम भी बदल दिया गया है और कहा जा रहा है कि परिषद में प्रस्ताव लाया गया और इसका नाम बदलकर मनकामेश्वर मार्केट कर दिया गया। सीहोर नगर पालिका के सीएमओ भूपेन्द्र दीक्षित ने कहा कि बाजार का नाम नहीं बदला गया है और यह अभी भी महिलाओं के लिए आरक्षित है। आचार संहिता के कारण प्रक्रिया रुकी हुई है। उन्होंने कहा, "चुनाव के बाद मैं इस पर गौर करूंगा।"