Bhopal: भोपाल 20 सितंबर 2021। प्रदेश के सरकारी पोलीटेक्निक कालेजों के प्राचार्य पद पर अब शासकीय संवर्ग के प्राध्यापक भी प्राचार्य बन सकेंगे। इसके लिये राज्य के तकनीकी शिक्षा विभाग ने नियमों में बदलाव कर दिया है।दरअसल वर्ष 2004 में पोलीटेक्निक कालेजों को सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम के तहत स्वशासी बना दिया गया और सभी पोलीटेक्निक कालेजों में सोायटियां बन गईं जो प्राचार्य पद पर सीधी भर्ती करने लगीं।
वर्ष 2004 के पहले के सरकारी सेवा में आये पोलीटेक्निक कालेजों के प्राध्यापक शासकीय संवर्ग के हो गये। इन्हें वर्तमान में पोलीटेक्निक कालेज के प्राचार्य पद के अनुरुप वेतनमान भी मिल रहा है। लेकिन ये इसलिये प्राचार्य नहीं बन पा रहे थे क्योंकि नियमों में प्राचार्य पद सीधी भर्ती का है।
इस समय राज्य में 67 पोलीटेक्निक कालेज हैं जिनमें से मात्र सात कालेजों में ही सोसायटी द्वारा सीधी भर्ती से नियुक्त प्राचार्य पदस्थ हैं। शेष 60 कालेजों में ये पद रिक्त हैं तथा प्रभारी प्राचार्य के रुप में इनका कामकाज चलाया जा रहा है। इसीलिये राज्य सरकार ने अब नियमों में नया प्रावधान कर दिया है कि शासकीय संवर्ग के प्राध्यापक भी इनमें पांच साल के लिये प्राचार्य बन सकेंगे, लेकिन वे इस पद पर प्रतिनियुक्ति पर रहेंगे तथा सीधी भर्ती से प्राचार्य पद भरने पर उनकी प्रतिनियुक्ति खत्म हो जायेगी। इस नवीन व्यवस्था में रिक्त पड़े प्राचार्य के 60 पदों हेतु शासकीय संवर्ग के प्राध्यापकों से आवेदन लिये जायेंगे तथा चयन समिति इन आवेदन-पत्रों का परीक्षण कर अनुशंसा करेगी जिस पर राज्य सरकार आदेश जारी करेगी।
विभागीय अधिकारी नें बताया कि प्रदेश के 60 पोलीटेक्निक कालेजों में प्राचार्य के पद रिक्त हैं। वर्ष 2004 के पहले के शासकीय संवर्ग के प्राध्यापकों को इन पदों पर आने के लिये अवसर दिया गया है, लेकिन सीधी भर्ती होने पर इन्हें प्राचार्य पद छोडऩा पड़ेगा। इस व्यवस्था से कोई वित्तीय भार भी नहीं आयेगा, क्योंकि इन प्राध्यापकों को पहले से प्राचार्य पद के अनुरुप वेतनमान मिल रहा है।
डॉ. नवीन जोशी
अब शासकीय संवर्ग के प्राध्यापक भी बन सकेंगे पालीटेक्निक कालेजों के प्राचार्य
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Bhopal
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