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सोशल मीडिया पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली पोस्ट: एक गंभीर मुद्दा

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Location: भोपाल                                                 👤Posted By: prativad                                                                         Views: 855

भोपाल: 17 अगस्त 2024। सोशल मीडिया आजकल की दुनिया में सोशल मीडिया का हमारे जीवन में बहुत बड़ा रोल है। यह हमें लोगों से जुड़ने, विचारों का आदान-प्रदान करने और जानकारी प्राप्त करने का एक आसान माध्यम प्रदान करता है। लेकिन साथ ही, सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल भी हो रहा है।

धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना: हाल ही में हम देख रहे हैं कि सोशल मीडिया पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली पोस्ट तेजी से फैल रही हैं। ये पोस्ट समाज में नफरत और विभाजन फैलाती हैं और सांप्रदायिक सौहार्द को खतरे में डालती हैं। किसी भी धर्म के बारे में नफरत फैलानें और भावनाओं को ठेस पहुचानें का अधिकार किसी को नहीं हैं सभी व्यक्तियों को गाइडलाइन का पालन करना चाहिए।

कानूनी कार्रवाई की जरूरत: ऐसे में सवाल उठता है कि इस तरह की पोस्ट करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जानी चाहिए? मेरा मानना है कि इस तरह की पोस्ट करने वाले व्यक्ति के साथ-साथ उस ग्रुप के एडमिन के खिलाफ भी कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।

व्यक्तिगत जिम्मेदारी: जो व्यक्ति ऐसी पोस्ट करता है, वह व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होता है। उसे कानून के अनुसार सजा मिलनी चाहिए।
ग्रुप एडमिन की जिम्मेदारी: ग्रुप एडमिन का दायित्व होता है कि वह अपने ग्रुप में होने वाली गतिविधियों पर नजर रखे। अगर कोई सदस्य ऐसी पोस्ट करता है तो एडमिन को उसे तुरंत हटाना चाहिए और उस सदस्य को ग्रुप से बाहर करना चाहिए। अगर एडमिन ऐसा नहीं करता है तो उसे भी कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

सांप्रदायिक सौहार्द और शांति व्यवस्था:
धार्मिक सहिष्णुता: हमें धार्मिक सहिष्णुता का पालन करना चाहिए। हर धर्म का सम्मान करना चाहिए।
सकारात्मक संदेश: सोशल मीडिया का इस्तेमाल सकारात्मक संदेश फैलाने के लिए करना चाहिए।
जागरूकता फैलाना: लोगों को सोशल मीडिया के दुरुपयोग के खतरों के बारे में जागरूक करना चाहिए।

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