
4 जून 2025। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तीव्र मंदी का सामना करने वाला है। रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में 2.8% की वृद्धि दर रही अमेरिकी अर्थव्यवस्था 2025 में घटकर 1.6% और 2026 में 1.5% पर पहुंच सकती है।
OECD ने चेताया है कि महामारी के बाद यह वैश्विक अर्थव्यवस्था की सबसे कमजोर स्थिति है। अमेरिका में वृद्धि में गिरावट के पीछे मुख्य कारण हैं—आयात पर ऊंचे टैरिफ, व्यापार नीति को लेकर अनिश्चितता, और संघीय कार्यबल में कमी।
रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के “मुक्ति दिवस” उपायों के तहत चीन, कनाडा, मैक्सिको और यूरोपीय संघ से होने वाले आयात पर 10% का टैरिफ लगाया गया। इसका मकसद अमेरिकी नौकरियों को वापस लाना और व्यापार घाटे को कम करना बताया गया, लेकिन इसके दुष्प्रभाव अब अर्थव्यवस्था पर साफ नजर आ रहे हैं।
OECD का अनुमान है कि अमेरिका में मुद्रास्फीति 2025 के अंत तक 4% तक पहुंच सकती है, जो फेडरल रिजर्व के 2% लक्ष्य से कहीं ऊपर है। इससे ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं भी फिलहाल टलती नजर आ रही हैं।
OECD के मुख्य अर्थशास्त्री अल्वारो परेरा ने वैश्विक नेताओं से व्यापार बाधाएं हटाने और सहयोग बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने चेतावनी दी, "यदि देशों ने समझौते नहीं किए, तो मंदी का प्रभाव वैश्विक स्तर पर गंभीर होगा।"
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 2025 और 2026 दोनों वर्षों में वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर 2.9% रहने की संभावना है, जो पिछले कुछ वर्षों की औसत 3% वृद्धि दर से कम है।
कनाडा, मैक्सिको और चीन भी मंदी की चपेट में
OECD ने अमेरिका के अलावा कनाडा, मैक्सिको और चीन में भी आर्थिक कमजोरी के संकेत दिए हैं। यह वैश्विक मंदी का संकेत है, जिससे शायद ही कोई बड़ी अर्थव्यवस्था अछूती रहे।