
21 अगस्त 2025। मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों के कई शिक्षक हमारे शिक्षक ऐप की डेटा सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता जता रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि ऐप पर अपलोड की गई उनकी निजी जानकारी लीक, बेची या हैक हो सकती है।
शिक्षक संगठनों का आरोप है कि ऐप का संचालन न्यूयॉर्क स्थित कंपनी Median.co कर रही है। यह कंपनी अमेरिकी होते हुए भी इसके प्रमुख पदों पर पाकिस्तानी, चीनी और बांग्लादेशी मूल के लोग कार्यरत हैं। कंपनी के सर्वर पर लगभग चार लाख नियमित और अतिथि शिक्षकों का संवेदनशील डेटा संग्रहीत है। इसमें आधार नंबर, आईरिस स्कैन, तस्वीरें, जन्मतिथि, पता, पारिवारिक विवरण और बैंकिंग जानकारी तक शामिल है। साथ ही, ऐप जीआईएस तकनीक के जरिये शिक्षकों का लोकेशन ट्रैक भी कर सकता है।
शिक्षक संघों का कहना है कि सरकार ने इस ऐप का उपयोग डिजिटल उपस्थिति दर्ज करने के लिए अनिवार्य कर दिया है, मगर इसके चलते उनकी निजता खतरे में पड़ रही है। हाल ही में मध्य प्रदेश शिक्षक संघ ने लोक शिक्षण निदेशालय (DPI) को ज्ञापन सौंपकर डेटा सुरक्षा की स्वतंत्र साइबर एजेंसी से जाँच कराने की माँग की है।
इस बीच, कई शिक्षकों ने शिकायत दर्ज कराई है कि उन्हें पाकिस्तान से संदिग्ध फोन कॉल आ रहे हैं और उनके बैंक खातों से लेन-देन की गड़बड़ियाँ सामने आई हैं। इसी मुद्दे पर अतिथि शिक्षक संघ ने भी आवाज उठाई है।
कंपनी के प्रमुख अधिकारियों में तकनीकी निदेशक वेयिन हे (चीनी नागरिक), इंजीनियरिंग निदेशक हुनैद हसन (पाकिस्तान), अकाउंट्स एग्जीक्यूटिव टायलर ली (चीन) और सॉफ्टवेयर इंजीनियर अब्दुल्ला अबुल हुसैन (पाकिस्तान) शामिल बताए जाते हैं।
मध्य प्रदेश शिक्षक संघ के अध्यक्ष क्षत्रवीर सिंह राठौर ने कहा कि चूँकि ऐप का स्वामित्व स्कूल शिक्षा विभाग के पास है, इसलिए शिक्षकों के डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है।
वहीं, DPI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया कि शिक्षकों की आशंकाएँ आधारहीन हैं। उन्होंने कहा, “आज के वैश्वीकृत दौर में डेटा प्रबंधन करने वाले पेशेवरों का मूल्यांकन उनकी विशेषज्ञता से होना चाहिए, न कि उनके देश या राष्ट्रीयता से।”