- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बिहार की 3 विधानसभाओं में किया प्रचार
- कांग्रेस-महागठबंधन पर जमकर बरसे प्रदेश के मुखिया
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बदल गया बिहार और देश
- जिसने राजद को धोखा दिया उसी के साथ बना लिया गठबंधन
24 अक्टूबर 2025। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 24 अक्टूबर को बिहार के तीन विधानसभा क्षेत्रों बगहा-सहरसा-सिकटा में धुंआधार चुनाव प्रचार किया। उन्होंने बगहा में राम सिंह, सहरसा में आलोक रंजन झा और सिकटा में समृद्ध वर्मा के समर्थन में जनता से वोट देने की अपील की। सीएम डॉ. यादव ने प्रत्याशियों का नामांकन भी भराया। इस दौरान जनसभाओं में वे कांग्रेस और महागठबंधन पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि बिहार में कांग्रेस के पहले की सत्ता में हालात खराब थे। लोग काम खत्म करके सूर्यास्त से पहले घर लौट जाते थे। क्या हाल था राज्य का। लेकिन, आज बिहार बदल गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्णिया में एयरपोर्ट तैयार है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस के लोग हर बार उल्टी बात करते हैं। देश में तो वे जनता का अपमान करते ही हैं, विदेश में भी यही काम करते हैं। ये बड़े शर्म की बात है। कांग्रेसी देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के पराक्रम का सबूत मांगते हैं। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को शर्म आनी चाहिए। यही सही समय है कांग्रेस के कर्मों का हिसाब करने का। कांग्रेस को जो करना है, वो जैसा करेगी, वैसा भरेगी। भगवान श्री कृष्ण ने शिशुपाल की 100 गलतियां माफ कीं और उसके बाद सुदर्शन से गला काट दिया। आज हमें इसी तरह इन नापाक गठबंधनों का नाश करना है। आपके हाथ में जल्द सुदर्शन चक्र आने वाला है, वक्त आने पर इसका उपयोग करना है। लोकतंत्र के लिए-प्रदेश के विकास के लिए-भारत को मजबूत करने के लिए आइए हम एनडीए को भारी मतो से जिताएं।
राजद का कांग्रेस के साथ खड़ा होना दुर्भाग्य की बात
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि जिन लोगों ने मीसा में राजद अध्यक्ष को बंद किया उन्होंने अपनी बेटी का नाम मीसा रखा। आज कांग्रेस डूबता हुआ जहाज है। उसका कहीं कोई पता नहीं है। उसका शहजादा पता नहीं क्या-क्या बोलकर कांग्रेस की मटियामेट करने पर तुला है। उसके बावजूद राजद कांग्रेस के साथ खड़ी है। यह दुर्भाग्य की बात है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू-इंदिरा गांधी-राजीव गांधी-सोनिया गांधी और राहुल गांधी का सवाल उठाते हुए कहा कि एक परिवार से प्रधानमंत्री क्यों होना चाहिए। पार्टी का अध्यक्ष उसी परिवार का क्यों होना चाहिए। पार्टी के सभी लोगों को मौका मिलना चाहिए। एक तरफ कांग्रेस और उनके साथ वाले सारे दल परिवारवादी हैं और दूसरी तरफ भाजपा है, जिसके प्रधानमंत्री मोदी का मंत्र है सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास। इसका उदाहरण मैं खुद हूं। मेरे घर न विधायक, न सांसद, न मंत्री और न मुख्यमंत्री। उसके बावजूद मुझे मुख्यमंत्री जैसा पद दिया। इसे कहते हैं सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास। यह मंत्र सभी पर लागू होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी का यही मंत्र तो जनतंत्र है-लोकतंत्र है।
बिहार जो करता है अलग करता है
मध्यप्रदेश के मुखिया डॉ. यादव ने कहा कि जितने अच्छे लोग बिहार में हैं, उतने अच्छे लोग और कहीं नहीं मिलते। यहां से जितने आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर और बिजनेसमैन निकलते हैं उतने कहीं और से नहीं निकलते। बिहार जो करता है वह अलग ही करता है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने सबका साथ-सबका विकास करते हुए द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति पद के लिए समर्थन किया। भाजपा ने ही ओबीसी आयोग को समर्थन दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गरीब आदमी लोकतंत्र में भूमिका अदा कर रहा है। उनके नेतृत्व ने लोकतंत्र को जीवंत किया है। एक चाय वाले ने तीन बार लोकसभा चुनाव जीतकर दुनिया के सामने देश का मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि जब गरीब आदमी प्रधानमंत्री बनता है तब 80 करोड़ लोगों के लिए अनाज, गरीब के लिए घर, गैस का चूल्हा मिलता है। प्रधानमंत्री मोदी ने सारी तकलीफें झेली हैं, इसलिए वे अपने अनुभव के आधार पर देशवासियों के साथ प्रेम व्यवहार करते हैं।
महागठबंधन बोलें या महाठगबंधन
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज जनता को निर्णय करना है कि उनका हित करने वाला प्रत्याशी चाहिए या उनकी अवहेलना करने वाला। महागठबंधन बोलें या महाठगबंधन, उनके प्रत्याशी ऐसी भाषा बोलते हैं, जिससे जनता का अपमान होता है। महागठबंधन पूरे बिहार का अपमान कर रहा है। बिहार महापुरुषों की धरती है। आज जनता को फैसला करना है कि वह लायक के साथ है या नालायक के साथ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की अर्थव्यवस्था को 11 से 3 नंबर पर ले गए। वे सारे क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। विपक्ष के लोगों ने उनकी माता जी का अपमान किया। आप ये सब याद रखना। इनको माफ नहीं किया जा सकता। जनता इनको ठिकाने लगाएगी। संकल्प लें कि विपक्ष के इस कीचड़ के बीच कमल खिलाएं और एनडीए को मजबूत बनाएं।
बिहार का भगवान राम से अलग संबंध
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सनातनी और सांस्कृतिक विरासत सहेजी जा रही है। बिहार के लोगों का भगवान राम से कुछ अलग ही संबंध है। श्री राम तो बिहार के दामाद हैं। अगर विदेश में कोई पूछे कि कहां से आए हो और लोग कह दें कि वे भगवान राम-कृष्ण की धरती से आए हैं, तो पूछने वाले समझ जाते हैं कि वे भारत से आए हैं। सनातन संस्कृति हजारों वर्षों से भगवान श्री राम-कृष्ण की गाथा गा रही है। उन्होंने कहा कि इस बात की प्रसन्नता है कि भगवान राम और मां सीता के अतीत को यहां संजोया जा रहा है। भगवान राम का वो काल की गाथाएं हमारे रोम-रोम में स्पंदन पैदा करती हैं। श्री राम की वजह से हमारे घरों में संस्कार मिलते हैं। श्री राम जीवन के रिश्तों को समझने का सबसे सशक्त माध्यम हैं। कांग्रेस ने ऐसे श्री राम की जन्मस्थली का कोर्ट, हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया। कांग्रेस के नेताओं ने वो सारे हथकंडे अपनाए जिससे भगवान श्री राम का मंदिर न बन सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश जागा और सुप्रीम कोर्ट ने भगवान श्री राम के पक्ष में फैसला दिया। आज भगवान श्री राम अयोध्या में भव्य मंदिर में विराजमान हैं और पूरा देश दीपावली मना रहा है।
भगवान कृष्ण के जीवन से मिलती हैं प्रेरणाएं
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सरकार बनने के बाद हम जन्माष्टमी भी बड़े स्तर पर मनवा रहे हैं। भगवान श्री कृष्ण के जीवन के कई प्रेरणाएं मिलती हैं। भगवान कृष्ण और सुदामा की दोस्ती से गरीबी-अमीरी का उदाहरण मिलता है। आज जातिवाद के माहौल में हमें उनका प्रसंग प्रेरणा देता है। अगर आप अपने दोस्त से सक्षम हैं, तो भगवान कृष्ण का उदाहरण याद रखिएगा। श्री कृष्ण लीलाएं करते-करते द्वारिकाधीश हो गए। जीवन की कठिनाइयां देख सुदामा उनसे मदद मांगने गए। सीएम डॉ. यादव ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने उनकी स्थिति समझ ली। उन्होंने सुदामा को अपने पास 6 महीने से ज्यादा समय तक रखा। इसी दौरान भगवान ने पीठ पीछे सुदामा की सारी व्यवस्था कर दी। इसलिए अगर आपका दोस्त गरीब हो तो उसे भूलो मत। अपने दोस्त को हाथ फैलाने का मौका मत देना, पीछे से उसकी मदद कर देना। अगर अपने दोस्त की अपने सामने निगाह नीची हो जाए, तो डूब मरने की स्थिति होती है।














