1 दिसंबर 2025। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि वर्ष 2030 में एच.आई.वी महामारी को समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित है. इस महामारी को रोकने के लिए दोहरे प्रयास किये जा रहे है. एक ओर हमे प्रिवेंशन इस बेटर देन क्योर(सुरक्षा उपचार से बेहतर है ) की तर्ज पर नये एच आई वी संक्रमणों को रोकना है तो वहीं जो लोग दुर्भाग्यवश एच.आई.वी. संक्रमित हो चुके हैं उन्हें ए.आर.टी. केंद्र के माध्यम से स्वस्थ रखना है। मध्य प्रदेश राज्य एड्स नियन्त्रण समिति द्वारा गोहर महल, भोपाल में आयोजित विश्व एड्स दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा माननीय प्रधान मंत्री जी लक्ष्यों की पूर्ती के प्रति बहुत गंभीर रहते हैं और सभी प्रमुख स्वास्थ्य कार्यक्रमों की दिन प्रतिदिन क्लोज़ मॉनिटरिंग और प्रगति की समीक्षा होती है। कितने टेस्ट हुए, कितने नए प्रकरण मिले और कितनो को उपचार मिला आदि। देश तेजी से स्वस्थ भारत- प्रगतिशील भारत बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। एच.आई.वी संक्रमित व्यक्तियों को भी आपके स्नेह और सहयोग की आवश्यकता है।
युवाओ में नशे का बढ़ता चलन चिंता का विषय है, किन्तु नशा भी एक बीमारी की तरह है जिसका इलाज किया जा सकता है l जो भी व्यक्ति नशे की गिरफ्त में है उसे इलाज के लिए भेजा जाये। माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा नशे के अवैध विक्रेताओ के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए प्रदेश पुलिस एवं प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि आप सभी युवाओ की ज़िम्मेदारी है कि अपने साथियों को नशे से और एच.आई.वी. जैसी बीमारियों से दूर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। जो लोग दुर्भाग्य से एच.आई.वी.-एड्स के शिकार जो चुके हैं उनके प्रति भेदभाव न हो वे समाज की मुख्यधारा में बने रहें यह बहुत महत्वपूर्ण है। उन्हें अलग थलग अकेला नहीं होने देना है।
वहीं कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में अपने उद्बोधन में राज्य मंत्री लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा ने कहा कि आज का दिन एड्स महामारी को समाप्त करने की दिशा में जागरूक होने के लिए विशेष महत्त्व रखता है। ड्स को बड़ी सरलता से ख़त्म कर सकते हैं l एचआई वी संक्रमण के कारणों के प्रति सतर्क रहने से इससे सुरक्षित रहना आसान है. एच आई वी संक्रमित व्यक्तियों को लोग हेय दृष्टि से देखते है जो उचित नहीं है. एच.आई.वी का संक्रमण केवल एक ही कारण से नहीं होता है, इंजेक्शन से नशा करने वाले समूहों में भी एच.आई.वी. संक्रमण का जोखिम बहुत अधिक होता है. युवाओ की भूमिका एच.आई.वी. की रोकथाम में बहुत महत्वपूर्ण है। युवा जागरूक हों, स्वयं सुरक्षित रहें और दूसरो को भी सुरक्षित रखें तो इस महामारी को समाप्त किया जा सकता है।
समिति की परियोजना संचालक शुचिस्मिता सक्सेना ने समिति द्वारा एड्स नियन्त्रण कार्यक्रम के अंतर्गत किये जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए बताया कि समिति द्वारा मुख्य रूप से 3 आयामों पर कार्य किया जाता है जिसमे एच.आई.वी संक्रमण की रोकथाम, उपचार और देखभाल सेवा तथा एच आई वी संक्रमित व्यक्तियों के प्रति सकारत्मक वातावरण का निर्माण कर भेदभाव को समाप्त करना शामिल है l प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग के NSS प्रकोष्ठ के सहयोग से 800 रेड रिबन क्लब चलाये जा रहे हैं, एच.आई.वी. जांच के लिए 214 आईसीटीसी केंद्र संचालित है। वहीं एच आई वी संक्रमित है व्यक्तियों के उपचार के लिए 33 ए.आर.टी. केंद्र समिति द्वारा संचालित किये जा रहे हैं। आपने अपील करते हुए कहा कि लोगो को चाहिए कि वे अपनी एच.आई.वी. स्थिति को जानने के लिए जल्दी से जल्दी एच.आई.वी. जांच करवाएं ताकि यदि वे एच.आई.वी. संक्रमित हों तो जल्दी से जल्दी उनका ए.अआर.टी. उपचार शुरू किया जा सके। नवजात शिशु में एच.आई.वी. की सुरक्षा के लिए सभी गर्भवती महिलाओ की प्रथम तिमाही में जांच होना आवश्यक है .एच आई वी संक्रमित व्यक्तियों को भी वे सभी मौलिक अधिकार प्राप्त हैं जो हमें और आपको मिले हैं। एच.आई.वी. एड्स एक्ट 2017 के अनुसार अब एच.आई.वी स्थिति के कारन किसी के साथ भेदभाव करना अपराध की श्रेणी में आता है। विश्व एड्स दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव संदीप यादव तथा आयुक्त तरुण राठी भी विशिष्ठ अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।
नूतन कन्या महाविद्यालय की छात्राओं एवं जे.एन.सी.टी. महाविद्यालय के छात्रो द्वारा एड्स जागरूकता पर आधारित फ़्लैश मॉब प्रस्तुत किये गए। कार्यक्रम में माननीय उपमुख्य मंत्री, माननीय राज्य मंत्री सहित सभी वरिष्ठ अधिकारियो ने हरी झंडी दिखा कर भव्य मानव श्रृंखला शुभारम्भ किया। जिसके बाद लगभग 1500 युवाओ और अन्य अधिकारियो, सामाजिक एवं शैक्षणिक संस्थाओ के प्रतिनिधि वरिष्ठ अधिकारियो आदि ने वी आई पी रोड के दोनों ओर लगभग 2-3 किलोमीटर लम्बी भव्य मानव श्रृंखला बनाकर बैनर, तख्तियो और नारों की गूँज के साथ एच.आई.वी.-एड्स जागरूकता का सदेश दिया। यह मानव श्रृंखला सफ़ेद टीशर्ट और लाल कैप में सुसज्जित यह मानव श्रृंखला आते जाते लोगो को अपनी ओर आकर्षित कर संदेश देने में सफल रही। कार्यक्रम का संचालन एवं समन्वय समिति की संयुक्त संचालक सविता ठाकुर ने किया।
कार्यक्रम में भोपाल संभाग की क्षेत्रीय संचालक डॉ. नीरा चौधरी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. मनीष शर्मा, जिला क्षय अधिकारी एवं नोडल अधिकारी एड्स नियन्त्रण डॉ. मनोज वर्मा, उच्च शिक्षा विभाग में रेड रिबन क्लब के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. अनंत सक्सेन, राहुल सिंह परिहार सहित विभिन्न मेडिकल एवं नर्सिंग महाविद्यालयों तथा विभिन्न महाविद्यालयों के प्राध्यापक तथा समिति के सभी अधिकारी कर्मचारी आदि सम्मिलित हुए।














