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महिला-बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में सीएम मोहन यादव के निर्देश; पारदर्शी भर्ती से लेकर कुपोषण मुक्त करने तक का एजेंडा तय

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 104

3 दिसंबर 2025। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रालय में महिला एवं बाल विकास विभाग की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में विभाग की उपलब्धियों, डिजिटल सुधारों और आने वाले तीन वर्षों की योजनाओं पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों और महिलाओं से जुड़े कार्यक्रमों में पारदर्शिता और प्रभावी क्रियान्वयन सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

डिजिटल पारदर्शिता में मप्र आगे
मध्यप्रदेश ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती को पूरी तरह ऑनलाइन करके खुद को देश में पहला राज्य बताया है। इसी तरह टेक-होम राशन की FRS प्रक्रिया, लाभ वितरण की मॉनिटरिंग और डिजिटल ट्रैकिंग को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है।

स्पॉन्सरशिप योजना में 20,243 बच्चों को लाभ, देश में दूसरा स्थान
झाबुआ के ‘मोटी आई’ नवाचार को प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार
PM JANMAN भवनों की डिजाइन और मॉनिटरिंग सिस्टम की केंद्र सरकार द्वारा प्रशंसा
फील्ड में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए 20 मीटर जियो-फेंसिंग आधारित उपस्थिति व्यवस्था लागू

आने वाले तीन वर्षों का एजेंडा
बैठक में सरकार ने 3 वर्ष की भविष्य कार्ययोजना का खाका भी रखा।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि:
कुपोषण को समाप्त करने के लिए फुलप्रूफ योजना बने
ब्रेस्टफीडिंग को लेकर जागरूकता बढ़ाई जाए
शहरी आंगनवाड़ियों में सेंट्रल किचन से गर्म भोजन 2026 से शुरू हो
2047 विज़न के अनुरूप शाला पूर्व शिक्षा पर बड़ा निवेश हो
निपुण भारत आधारित ‘विकास कार्ड’ के जरिए गुणवत्ता सुधार किया जाए
इसके साथ ही 34 लाख बालिकाओं को छात्रवृत्ति व प्रोत्साहन देने के मद्देनजर लाड़ली लक्ष्मी योजना का विस्तार जारी रखने की बात कही गई।

इन्फ्रास्ट्रक्चर और फील्ड एक्टिविटी
सरकार ने बताया कि अगले तीन वर्षों में 9,000 नए आंगनवाड़ी भवन तैयार किए जाएंगे।
HEW (Health, Education & Welfare) के माध्यम से अब तक 1.47 लाख से अधिक जागरूकता गतिविधियां की गई हैं, जिनका असर जेंडर, सुरक्षा और कानूनी सहायता से जुड़े मामलों में दिख रहा है।

विभाग की प्रमुख उपलब्धियाँ
PMMVY के तहत 9.70 लाख गर्भवती महिलाओं को 512 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता
लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत जनवरी 2024 से नवंबर 2025 तक 36,778 करोड़ रुपये का हस्तांतरण
महिला हेल्पलाइन के माध्यम से 1.72 लाख महिलाओं को सहायता
57 वन स्टॉप सेंटरों ने 52,095 महिलाओं तक सुरक्षा और परामर्श सेवाएं पहुंचाईं
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत 1.89 लाख पौधारोपण, 6,520 ड्राइविंग लाइसेंस, और 8,637 बालिकाओं को प्रतियोगी परीक्षा प्रशिक्षण
12,670 आंगनवाड़ी केंद्रों को ‘सक्षम आंगनवाड़ी’ के रूप में उन्नत घोषित किया गया

समीक्षा बैठक में सरकार ने अपनी उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए भविष्य के लक्ष्यों पर भी जोर दिया। डिजिटल पारदर्शिता, महिला सुरक्षा, आंगनवाड़ी सुधार और कुपोषण उन्मूलन को मुख्यमंत्री ने सबसे अहम क्षेत्रों में रखा। अब आने वाले वर्षों में इन योजनाओं का क्रियान्वयन किस गति से आगे बढ़ता है, यही वास्तविक परिणाम तय करेगा।

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