
13 मार्च 2025। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लोकायुक्त छापे को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के सवालों का लिखित उत्तर देते हुए स्पष्ट किया कि पूर्व परिवहन कांस्टेबल सौरभ शर्मा के खिलाफ की गई कार्रवाई में कोई डायरी जब्त नहीं की गई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकायुक्त के विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (एसपीई) ने दिसंबर 2024 में भोपाल के मेंडोरी इलाके में कोई जब्ती अभियान नहीं चलाया था, जिसमें एक लावारिस कार से सोना और नकदी बरामद की गई हो। यादव ने बताया कि एसपीई ने 19 और 20 दिसंबर को सौरभ शर्मा की आवासीय संपत्ति (ई-7/78) और कार्यालय (ई-7/657, अरेरा कॉलोनी) पर छापा मारा था।
शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित अधिनियम 2018) की धारा 13(1)बी सहपठित धारा 13(2) के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस जांच में उनकी पत्नी दिव्या तिवारी, शरद जायसवाल, चेतन सिंह गौर और अन्य को भी आरोपी बनाया गया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में इस मामले से जुड़ी एक शिकायत (295/24) दर्ज की गई है, जिसकी जांच अभी जारी है।
सिंघार ने विधानसभा में पूछे गए प्रश्न में जानना चाहा था कि क्या लोकायुक्त की छापेमारी के दौरान मेंडोरी में लावारिस कार से लगभग 54 किलो सोना और करोड़ों की नकदी जब्त की गई थी और इसके पीछे कौन लोग थे। उन्होंने यह भी सवाल किया था कि क्या परिवहन विभाग के अवैध संग्रह से जुड़ी कोई डायरी जब्त की गई थी, जिसमें मौद्रिक लेनदेन के नाम और विवरण दर्ज थे।
इस पर मुख्यमंत्री ने जवाब दिया कि मेंडोरी इलाके में लावारिस कार से नकदी और सोने की जब्ती लोकायुक्त ने नहीं, बल्कि आयकर विभाग ने की थी। मामले की आगे जांच जारी है।