×

मोबाईल टावर लगाने वाली कंपनियों को क्षतिपूर्ति देना होगी...

Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 1130

राज्य सरकार ने जारी किये नये नियम, कलेक्टरों को दिये अधिकार

30 नवंबर 2019। प्रदेश में अब मोबाईल टावर लगाने वाली कंपनी को क्षतिपूर्ति बंधपत्र भी देना होगा जिसमें लिखा होगा कि किसी भी नुकसान या क्षति के लिये या किसी सिविल या दाण्डिक देनदारियों और उसके परिणामों के लिये कंपनी अकेले जिम्मेदार होगी। ज्ञातव्य है कि कई स्थानों पर लगाये गये मोबाईल टावरों से रेडियेशन निकलने की शिकायतें आती हैं तथा इसके लिये कोई क्षतिपूर्ति का अब तक कोई प्रावधान नहीं था।
पिछली शिवराज सरकार ने नगरीय प्रशासन विभाग के माध्यम से 6 अक्टूबर 2012 को मप्र नगरपालिका अस्थाई टावर का संस्थापन/सेल्युलर मोबाईल फोन सेवा के लिये अधोसंरचना नियम जारी किये थे। इसके बाद शिवराज सरकार ने मप्र राज्य में 4जी ब्रांड बैंड वायर लाइन तथा वायरलेस पहुंच सेवायें उपलब्ध कराने हेतु विनियामक प्रक्रिया नीति 2013 जारी की। वर्तमान कमलनाथ सरकार ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के माध्यम से 8 मार्च 2019 को को इस नीति को खत्म कर नई नीति मप्र में दूरसंचार सेवा/इंटरनेट सेवा/अवसरंचना प्रदाताओं द्वारा वासर लाइन या वायरलेस आधारित वाइस या डाटा पहुंच सेवायें उपलब्ध करने के लिये अवसंरचना की स्थापना को सुगम बनाने हेतु नीति 2019 जारी की।
उक्त नई नीति को व्याव्हारिक बनाने के लिये अब कमलनाथ सरकार ने वर्ष 2012 में जारी नियमों में संशोधन कर दिया है। इसी संशोधन में क्षतिपूर्ति बंधपत्रका नया प्रावधान किया गया है। नियमों में वर्ष 2019 की नीति के प्रावधान भी शामिल कर दिये गये हैं।
कलेक्टरों को बनाया सक्षम प्राधिकारी :
नये संशोधन के तहत अब टावर लगाने के लिये अनुज्ञा देने के लिये नगरीय निकायों के आयुक्तों/मुख्य नगरपालिका अधिकारियों के स्थान पर जिले के कलेक्टर को सक्षम प्राधिकारी बना दिया गया है जिससे पालिटिकिल हस्तक्षेप न हो सके। अब नई नीति के तहत ही टावर खड़े किये जा सकेंगे। टावर खड़ा करने के लिये निजी स्थल के स्वामित्व के दस्तावेज ही काफी होंगे तथा भवन अनुज्ञा की मांग नहीं की जायेगी।
इसी प्रकार, अब नियमों के उल्लंघन पर टावर हटाने के अधिकार भी कलेक्टर के पास रहेंगे। टावर हटाने से पहले संबंधित कंपनी को अपना उत्तर प्रस्तुत करने के लिये 90 दिन का समय दिया जाता था परन्तु अब सिर्फ दो सप्ताह की ही अवधि दी जायेगी।
विभागीय अधिकारी ने बताया कि पहले रेडियेशन की अनेक लोग शिकायत करते थे। इसके अलावा टावर से अन्य कई क्षति भी कारित होती थीं। इनके लिये क्षतिपूर्ति का कोई प्रावधान नहीं था। इसलिये नियमों में संशोधन कर क्षतिपूर्ति बंधपत्र देने का नया उपबंध कर दिया गया है।


? डॉ. नवीन जोशी

Related News

Global News


Settings
Demo Settings
Color OptionsColor schemes
Main Color Scheme     
Links Color     
Rating Stars Color     
BackgroundBackgorund textures
Background Texture          
Background Color     
Change WidthBoxed or Full-Width
Switch Page WidthFull-WidthBoxed-Width