
Place:
भोपाल 👤By: prativad Views: 194
22 अक्टूबर 2025। भोपाल में बीजेपी की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर एक बार फिर अपने बयान को लेकर विवादों में हैं। हाल ही में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने माता-पिता से कहा कि अगर उनकी बेटियाँ किसी गैर-हिंदू युवक से शादी करने की कोशिश करें, तो उन्हें रोकने के लिए “कड़े कदम” उठाएँ — यहाँ तक कि “उनके पैर तोड़ने से भी न हिचकें।”
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में प्रज्ञा ठाकुर को कहते सुना जा सकता है,
“अगर रोने का मन करे तो रो लो, लेकिन मन को मज़बूत करो। अगर बेटी बात नहीं मानती, तो उसके तांगे तोड़ने में झिझकना नहीं चाहिए, क्योंकि जो संस्कारों से नहीं मानती, उसे ताड़ना देना ज़रूरी है।”
उन्होंने आगे कहा कि माता-पिता को अपनी बेटियों को “सीमाएँ तय करना” सिखाना चाहिए और अगर कोई लड़की परंपराओं का पालन नहीं करती या किसी गैर-हिंदू के साथ संबंध बनाने की सोचती है, तो “समझाकर, डाँटकर या पीटकर” उसे रोकना चाहिए।
इस बयान के बाद विपक्षी दलों ने ठाकुर पर हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा,
“जब मध्य प्रदेश में धर्म परिवर्तन के मामलों में मुश्किल से कुछ ही दोषसिद्धियाँ हुई हैं, तो नफ़रत फैलाने की क्या ज़रूरत है?”
वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएँ देखने को मिलीं। कई लोगों ने ठाकुर के बयान को “हिंसा को बढ़ावा देने वाला” और “महिलाओं की आज़ादी पर हमला” बताया। वहीं कुछ उपयोगकर्ताओं ने सवाल उठाया कि क्या ऐसी सोच 21वीं सदी के भारत में स्वीकार्य है।
यह पहली बार नहीं है जब प्रज्ञा सिंह ठाकुर अपने बयानों को लेकर विवादों में रही हों — लेकिन इस बार उनका निशाना सीधे बेटियों और उनके व्यक्तिगत निर्णयों पर रहा है, जिससे समाज में गुस्सा और बहस दोनों भड़क उठे हैं।