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स्पीकर की स्वेच्छानुदान निधि नियमों में बदलाव

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 1118

Bhopal: कमलनाथ सरकार की विसङ्गति दूर की शिवराज ने
6 मार्च 2021। शिवराज सरकार ने मप्र विधानसभा के अध्यक्ष की स्वेच्छानुदान निधि के नियमों में बदलाव किया है। साथ ही किसी एक मामले में अधिकतम राशि देने में कटौती कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि पिछली कमलनाथ सरकार ने सत्ता से हटते समय 16 मार्च, 2020 को प्रावधान कर दिया था कि स्पीकर को साल में ढाई करोड़ रुपये, डिप्टी स्पीकर एवं नेता प्रतिपक्ष को एक-एक करोड़ रुपये अपनी स्वेच्छानुदान निधि से व्यय करने का अधिकार होगा। साथ ही इन स्वेच्छानुदानों को व्यय करने के विनियम भी इसी तारीख को जारी कर लागू कर दिये थे। उस समय के निर्वाचित स्पीकर एनपी प्रजापति ने ये सभी प्रावधान संसदीय कार्य विभाग के माध्यम से करा दिये थे जो कि विसंगतिपूर्ण थे।
इसीलिये वर्तमान शिवराज सरकार ने इन प्रावधानों में कुछ संशोधन कर दिये हैं। नये संशोधनों के अनुसार, अनुदान समानुपातिक रुप से मासिक आधार पर देने का उपबंध किया गया है।
इसी प्रकार, अब अध्यक्ष, डिप्टी स्पीकर एवं नेता प्रतिपक्ष व्यक्ति विशेष के मामले में हाट बाजार, मेलों में घटित घटना में मृतकों/घायलों के परिवारों को आर्थिक सहायता, बिजली के करंट से मृत व्यक्ति के परिवार को आर्थिक सहायता, अन्य महानुभावों की जयंती/महोत्सव मनाने हेतु अनुदान, रेल/बस आदि दुर्घटना, डकैतों/चोरों द्वारा लूट करने के दौरान, मृतकों/घायलों के परिवारों को आर्थिक सहायता, खान दुर्घटना, डूबने से मृत्यु अथवा अन्य किसी घटना में मृतकों/घायलों के परिजनों को आर्थिक सहायता, प्राकृतिक/आकस्मिक घटना/आपदा से प्रभावित परिवारों/व्यक्तियों को आर्थिक सहायता भी दे सकेंगे।
अधिकतम सहायता में की कटौती :
पहले किसी संस्था के मामले में तीनों व्यक्तियों को अधिकार दिया गया था कि वे जनहित के स्वरुप के निर्माण कार्यों के मामलों में किसी एक प्रकरण में अध्यक्ष द्वारा एक वर्ष में दस लाख रुपये तथा डिप्टी स्पीकर व नेता प्रतिपक्ष द्वारा एक लाख रुपये तक की मदद कर सकेंगे। लेकिन अब इस राशि का प्रावधान हटा दिया गया है। अब नया प्रावधान किया गया है कि एक वर्ष में, किसी भी एक मामले के संबंध में अध्यक्ष द्वारा अधिक से अधिक 40 हजार रुपये तक एवं उपाध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष द्वारा 20 हजार रुपये तक सहायता दी जा सकेगी।




- डॉ. नवीन जोशी

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