
सीएम डॉ. मोहन की अपैरल-टेक्सटाइल ब्रांड के प्रतिनिधियों के साथ राउंड टेबल मीटिंग
'मेड इन एमपी-वियर एक्रॉस द वर्ल्ड' के विजन को साकार करेगी मध्यप्रदेश सरकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उद्योगों को मिल रहा प्रोत्साहन
राज्य सरकार-बीएसएल एसोसिएशन के बीच हुआ एमओयू
14 अगस्त 2025। मध्यप्रदेश के लिए 14 अगस्त का दिन खास रहा। प्रदेश में वर्ल्ड क्लास स्तर के कई ब्रांड्स ने दस्तक दी। इससे एक तरफ राज्य का आर्थिक विकास होगा, तो दूसरी तरफ रोजगार में भी बढ़ोतरी होगी। दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 14 अगस्त को सीएम हाउस में 15 से अधिक शीर्ष अपैरल-टेक्सटाइल ब्रांड के प्रतिनिधियों के साथ राउंड टेबल मीटिंग की। इस दौरान उन्होंने निवेशकों के साथ निवेश बढ़ाने और मध्यप्रदेश के उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने पर चर्चा की। इस मौके पर राज्य सरकार और बीएसएल एसोसिएशन (Brands and Sourcing Leaders Association) के बीच एमओयू पर भी हस्ताक्षर हुए।
इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप राज्य सरकार टेक्सटाइल इंडस्ट्री सहित सभी तरह के उद्योगों को प्रोत्साहित कर रही है। प्रदेश परिधान और वस्त्र उद्योग क्षेत्र में फाइबर से फैशन तक का प्रमुख केंद्र बनने जा रहा है। प्रदेश में उपलब्ध पर्याप्त ग्रीन एनर्जी, ऑर्गेनिक कॉटन, वस्त्र क्षमताएं और राज्य की औद्योगिक अनुकूल नीतियां प्रदेश को वैश्विक ब्रांडों के लिए पसंदीदा सोर्सिंग स्थान और उत्पादन केंद्र बनाती हैं। हम 'मेड इन एमपी-वियर एक्रॉस द वर्ल्ड' के विजन को साकार करेंगे। राउंड टेबल मीटिंग में सीएम डॉ. यादव ने कहा कि परस्पर संवाद से ही विश्वास बनता है। प्रदेश सरकार सभी क्षेत्रों के उद्योगपतियों से मिले सुझावों पर गंभीरता से विचार करती है। इसके बाद ही आगामी कार्य योजना तैयार करती है। हमारी सरकार भारतीय उद्योगपतियों का दुनिया में मान सम्मान बढ़ाने के लिए बीएसएल के विश्वास पर खरी उतरेगी।
टेक्सटाइल सेक्टर में मिल चुका 3513 करोड़ रुपये का निवेश
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पिछले 21 महीने में प्रदेश में औद्योगिक निवेश का अनुकूल वातावरण बना है। प्रदेश में उद्योग केंद्रित 18 निवेश नीतियां लागू की गई हैं। मध्यप्रदेश की टेक्सटाइल पॉलिसी देश में सर्वश्रेष्ठ है। राज्य सरकार मध्यप्रदेश को टेक्सटाइल हब बनाने के लिए संकल्प के साथ काम कर रही है। अब तक टेक्सटाइल सेक्टर में 3513 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 अगस्त को पीएम मित्र पार्क का भूमि-पूजन करेंगे। इसके भूमि-पूजन से पहले ही 16 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव आ चुके हैं। एविएशन पॉलिसी के अंतर्गत राज्य सरकार प्रति अंतर्राष्ट्रीय उड़ान 15 लाख रुपये की सब्सिडी प्रदान कर रही है। साथ ही, राज्य सरकार ने कई गैर-जरूरी कानूनों को खत्म कर उद्योग शुरू करने की प्रक्रिया को आसान बनाया है। कई प्रकार की अनुमतियों को कम करके 10 कर दिया है। प्रदेश सरकार निवेश के इच्छुक उद्यमियों और संगठनों को 30 दिन में सभी प्रक्रियाएं पूर्ण करके दे रही है। सरकार उद्योगपतियों की परेशानियों को कम करने के लिए संकल्पित है।
एक साल में 9 मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रतिनिधियों से कहा कि मध्यप्रदेश की जनता का विश्वास सरकार के साथ है। इसी के बूते प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में पिछले लोकसभा चुनाव में हमें सभी 29 सीटों पर विजय प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चिकित्सीय सुविधाओं को बेहतर किया जा रहा है। एक वर्ष के अंदर 3 नए मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण हुआ है। साथ ही 6 मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण प्रस्तावित है। इस प्रकार मध्य प्रदेश में एक वर्ष में कुल 9 मेडिकल कॉलेज लोकार्पित होंगे।
मध्यप्रदेश में सबसे सस्ती और सरप्लस बिजली
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एनर्जी और इंडस्ट्री क्षेत्र में प्रदेश की एक अलग पहचान बन रही है। आज मध्यप्रदेश के पास सरप्लस बिजली है और मध्य प्रदेश देश को सबसे सस्ती बिजली दे रहा है। यहां तक कि दिल्ली में मेट्रो भी मध्य प्रदेश की बिजली से दौड़ रही है। राज्य सरकार ने किसानों को बिजली बिल से मुक्ति दिलाने के लिए सोलर पंप सहित कई कल्याणाकारी योजनाएं शुरू की हैं। सरकार प्रधानमंत्री मोदी की भावना के अनुरूप गरीब, किसान, युवा और नारी कल्याण के लिए संकल्पित है।
मध्यप्रदेश आएं हैं तो सांस्कृतिक विरासत से परिचित हों
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध् प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन क्षेत्र की विशेषताओं से अंतर्राष्ट्रीय परिधान और वस्त्र उद्योग ब्रांड के प्रतिनिधियों और सोर्सिंग प्रमुखों का परिचय कराया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश आए हैं तो यहां सांची के बौद्ध स्तूप, भीम बैठिका के पुरातन शैल चित्र देखने जरूर जाएं। साथ ही उज्जैन में बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेकर काल गणना के प्रमुख केंद्र देखने भी जाएं।