
खर्च पर नियंत्रण और पारदर्शिता सुनिश्चित करने वित्त विभाग ने जारी किए नए आदेश
18 अगस्त 2025। मध्य प्रदेश की बिगड़ती वित्तीय स्थिति को सुधारने और सरकारी खर्चों पर नियंत्रण रखने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। वित्त विभाग ने सभी विभागों और सरकारी निर्माण एजेंसियों को सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि स्वीकृत बजट राशि में से बची हुई धनराशि तत्काल राजकोष में वापस जमा की जाए।
अतिरिक्त कार्यों में शेष राशि खर्च करने पर रोक
वित्त विभाग ने स्पष्ट किया है कि निविदा (टेंडर) के अनुसार स्वीकृत राशि का ही उपयोग किया जाए। यदि खरीद या निर्माण कार्यों में निर्धारित बजट से कम राशि खर्च होती है, तो बची हुई राशि का उपयोग किसी भी अतिरिक्त कार्य में नहीं किया जाएगा। शेष धनराशि सीधे वित्त विभाग को लौटानी होगी।
किस्तों में जारी होगी राशि
लंबे समय तक चलने वाले परियोजनाओं के लिए वित्त विभाग ने राशि वितरण की नई व्यवस्था लागू की है। अब सरकारी एजेंसियों को एकमुश्त पूरी राशि नहीं दी जाएगी।
शुरुआत में 66% राशि पहली किस्त के रूप में दी जाएगी।
इस 66% में से 75% राशि खर्च होने के बाद ही शेष 34% राशि जारी की जाएगी।
सितंबर तक राशि जमा करने के आदेश
विभाग और सरकारी एजेंसियों के पास बची हुई धनराशि को सितंबर माह तक ब्याज सहित राजकोष में जमा करना अनिवार्य होगा।
पूंजीगत व्यय पर सख्त प्रक्रिया
वित्त विभाग ने कहा है कि किसी भी पूंजीगत व्यय (कैपिटल एक्सपेंडिचर) को मंजूरी देने से पहले वित्त समिति की अनुमति आवश्यक होगी। इसके बाद ही प्रशासनिक स्वीकृति जारी होगी और निविदा प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया का पालन कड़ाई से करना होगा।
अनियमितता मानी जाएगी उल्लंघन
वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव मनीष रस्तोगी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि इन निर्देशों का उल्लंघन गंभीर वित्तीय अनियमितता मानी जाएगी। इससे पहले भी वित्त विभाग ने पत्र लिखकर बैंकों में जमा धन पर अर्जित ब्याज को भी राजकोष में लौटाने के निर्देश दिए थे।