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मप्र हस्तांतरणीय विकास अधिकार नियमों में संशोधन

Location: Bhopal                                                 👤Posted By: DD                                                                         Views: 1289

Bhopal: अब जमीन लेने पर सुनवाई करना जरुरी होगा

डॉ. नवीन जोशी

16 मार्च 2021। राज्य सरकार ने शहरों की जमीनें, खासतौर पर मैट्रो रेल परियोजना के लिये अधिगृहित करने पर सुनवाई भी करना होगी। पहले यह प्रावधान नहीं था। इसके लिये मप्र हस्तांतरणीय विकास अधिकार नियम 2018 में संशोधन किया गया है जो अब प्रभावशील हो गया है ।
अब यह किया नया प्रावधान :
उक्त नियमों में दो साल बाद नया प्रावधान किया गया है। पहले उत्पादन क्षेत्र की अधिसूचना के संबंध में प्रावधान था कि टीएण्डसीपी संचालक ऐसे प्रस्ताव प्राप्त होने पर पन्द्रह दिन की समयावधि देकर आम जनता से आपत्ति एवं सुझाव प्राप्त करेगा। प्राप्त आपत्ति एवं सुझाव पर अपनी टिप्पणी के साथ एक माह की समयावधि में शासन को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा तथा शासन से स्वीकृति प्राप्त होने पर संचालक, उत्पादन क्षेत्र अधिसूचित करेगा। परन्तु अब इसके स्थान पर प्रावधान किया गया है कि प्राप्त आपत्ति व सुझावों की सुनवाई के पश्चात प्राधिकारी अपनी टिप्पणी के साथ दो माह की कालावधि के भीतर टीएण्डसीपी संचालक को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। रिपोर्ट प्राप्त होने पर संचालक, एक माह की कालावधि के भीतर शासन को अपनी अनुशंसायें प्रस्तुत करेगा। शासन से स्वीकृति प्राप्त होने पर संचालक, उत्पादन क्षेत्र अधिसूुचित करेगा। यही प्रावधान प्राप्ति क्षेत्र संबंधी अधिसूचना के बारे में भी किया गया है।
उल्लेखनीय शहरों में विकास कार्यों के लिए सरकार द्वारा अधिग्रहीत की जाने वाली जमीनों के एवज में सरकार मुआवजा देने के बदले जमीन मालिक को विकास अधिकार प्रमाण पत्र देगी। इस प्रमाण पत्र में सरकार जमीन मालिक को फ्लोर एरिया रेशो यानी निर्माण योग्य क्षेत्र देगी, जिसका उपयोग वह किसी अन्य जगह पर कर सकता है। वर्ष 2018 में इसके लिये हस्तांतरणीय विकास अधिकार नियम जारी किये गये। राज्य सरकार इस नियम के तहत मेट्रो व अन्य विकास कार्यों के लिए जमीनों का अधिग्रहण करेगी।
नियमों के मुताबिक जमीन मालिक भूमि अधिग्रहण के बदले मिले विकास अधिकार प्रमाण पत्र को किसी अन्य स्थान पर बिल्डर या अन्य व्यक्ति को बेच भी सकता है। मेट्रो रूट और स्टेशन के लिए सरकार को जमीन अधिग्रहण करना है। यह नियम सभी नगरीय निकायों में लागू किये गये हैं।
उत्पादन व प्राप्ति क्षेत्र होंगे नोटिफाई :
विकास अधिकार प्रमाण-पत्र के उपयोग के लिए राज्य सरकार उत्पादन क्षेत्र यानि जनरेटिंग एरिया और प्राप्ति क्षेत्र यानि रिसिविंग एरिया नोटिफाई करेगी। उत्पादन क्षेत्र वह होगा, जहां भूमि अधिग्रहण करने के बाद जमीन को मालिक को प्रमाण पत्र दिया गया है। वहीं प्राप्ति क्षेत्र वह होगा, जहां इस विकास अधिकार प्रमाण-पत्र का उपयोग किया जा सकेगा।
दोगुना से ज्यादा मिलेगा एफएआर :
जमीन अधिग्रहण के एवज में भूमि स्वामी को दोगुना से ज्यादा एफएआर का विकास अधिकार प्रमाण-पत्र बनेगा। इसके लिए नियम में एक फॉर्मूला बनाया गया है।

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