इतिहास में पहली बार राज्य सरकार ने उठाया ऐसा कदम
भोपाल 22 नवंबर 2022। राज्य सरकार ने मंत्रालय के इतिहास में पहली बार कठोर कार्यवाही करते हुये गृह विभाग के एक कर्मचारी को आरक्षण का लाभ लेकर पदोन्नति पाने के आदेश को निरस्त किया है। इस कर्मचारी का नाम आशीष कुल्हाड़े है जो आरक्षण का लाभ लेर सहायक वर्ग तीन में नियुक्त हुआ और फिर पदोन्नति में आरक्षण का लाभ लेकर सहायक वर्ग दो बना एवं फिर से पदोन्नति में आरक्षण का लाभ लेकर सहायक वर्ग यानि सहायक अनुभाग अधिकारी बन गया। अब उसे वापस डिमोट कर सहायक वर्ग दो के पद पर पदस्थ कर दिया गया है।
आशीष कुहाड़े ने अनुसूचित जनजाति संवर्ग (हल्बा कोष्टी/हल्बी कोष्टी/कोष्टी जाति) में सीधी भर्ती से 16 अप्रैल 1999 को आरक्षण का लाभ लकर सहायक वर्ग तीन के पद पर नियुक्ति पाई थी। पदोन्नति में आरक्षण का लाभ लेकर उसने 23 नवम्बर 2009 को सहायक वर्ग दो एवं 10 फरवरी 2012 को सहायक वर्ग एक यानि सहायक अनुभाग अधिकारी के पद पर पदोन्नति प्राप्त कर ली थी। उसकी सेवा पुस्तिका में जाति हलबा अंकित है। इस जाति को 28 नवम्बर 2000 के बाद पदोन्नति में आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता था।
सामान्य प्रशासन विभाग ने इस मामले में सुनवाई की जिस पर आशीष कुल्हाड़े ने कहा कि भूतलक्षी प्रभाव से पदोन्नति निरस्त नहीं की जा सकती है। लेकिन जीएडी ने उनके तर्क को नहीं माना तथा उनकी सहायक वर्ग दो पर पदोन्नति मान्य की परन्तु सहायक वर्ग एक यानि सहायक अनुभाग अधिकारी के पद पर की गई पदोन्नति निरस्त कर दी है। चूंकि कर्मचारी ने सहायक अनुभाग अधिकारी के पद पर कार्य किया है, इसलिये उसके वेतन से वसूली न करने का भी निर्णय लिया है। डिमोट करने का यह आदेश जीएडी की उप सचिव स्थापना माधवी नागेन्द्र ने राज्यपाल के आदेशानुसाार जारी किया है। इससे पूरे मंत्रालय में खलबली मची हुई है।
- डॉ. नवीन जोशी

पदोन्नति में आरक्षण का गलत लाभ लेने वाले गृह विभाग के कर्मचारी की पदोन्नति निरस्त
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