भोपाल: 24 जुलाई 2024। भोपाल में जन्मी 12 वर्षीय कायना खरे ने एक नया इतिहास रचते हुए दुनिया की सबसे कम उम्र की स्कूबा डाइवर बनने का गौरव प्राप्त किया है। कायना ने पहली बार 10 साल की उम्र में अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में गोता लगाया था। उनकी इस उपलब्धि ने साबित कर दिया कि सफलता उम्र की मोहताज नहीं होती और उन्होंने अपने हमउम्र बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनकर दिखाया है।
कायना का कहना है कि उन्हें समुद्र से गहरा लगाव है। हर बार जब वह डाइव करती हैं, तो अज्ञात का रोमांच उन्हें प्रेरित करता है। 10 साल की उम्र से डाइविंग करने वाली कायना ने अपनी पहली डाइव को रोमांचक अनुभव बताया और तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
दो साल की कड़ी मेहनत से बनीं स्कूबा डाइवर
कायना ने अपने पहले डाइविंग अनुभव को साझा करते हुए बताया कि जब वह पानी के भीतर जा रही थीं, तब उन्होंने महसूस किया कि इसे जारी रखना है। इसके बाद, उन्होंने लगातार दो साल प्रैक्टिस कर स्कूबा डाइविंग में महारत हासिल की। उन्होंने इंडोनेशिया के बाली में ओपन वाटर कोर्स और थाईलैंड में एडवांस वाटर कोर्स पूरा किया, जिसके बाद उन्हें यंगेस्ट स्कूबा डाइवर का खिताब मिला।
समुद्री विज्ञान में करियर बनाने का सपना
कायना का सपना है कि वह भविष्य में समुद्री विज्ञान का अध्ययन करें और वाटर लाइफ और इकोलॉजी को समझकर डाइविंग के माध्यम से लोगों को इस अनुभव से रूबरू कराएं। अब तक कायना ने ओपन वॉटर सर्टिफिकेशन, अंडरवॉटर फोटोग्राफी, विशेष नाइट्रॉक्स डाइविंग, परफेक्ट बॉयेंसी कंट्रोल और रेस्क्यू डाइवर ट्रेनिंग जैसे कोर्स पूरे कर लिए हैं।
कायना की इस उपलब्धि ने न केवल उनकी उम्र के बच्चों को, बल्कि सभी को यह संदेश दिया है कि कड़ी मेहनत, समर्पण और जुनून के साथ कोई भी असंभव को संभव कर सकता है।
12 साल की कायना खरे बनीं दुनिया की सबसे कम उम्र की स्कूबा डाइवर
Location:
भोपाल
👤Posted By: prativad
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