
प्रतिवाद डेस्क | 17 अप्रैल 2025
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इन दिनों मध्य प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर हैं और गुरुवार को उन्होंने नीमच में आयोजित सीआरपीएफ (CRPF) की 86वीं स्थापना दिवस परेड में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस मौके पर उन्होंने परेड की सलामी ली और देश के वीर जवानों को वीरता पदक प्रदान कर सम्मानित किया। सम्मान पाकर जवानों के चेहरे पर गर्व और आत्मविश्वास झलकता दिखा।
👉 कोबरा बटालियन की नई घोषणा और ऐतिहासिक गौरव का स्मरण
समारोह में गृह मंत्री शाह ने जम्मू-कश्मीर में कोबरा बटालियन स्थापित करने की योजना की घोषणा की। उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल की दूरदर्शिता को भी रेखांकित किया, जिन्होंने सीआरपीएफ को न केवल ध्वज प्रदान किया बल्कि इसके मूल आदर्शों की भी नींव रखी।
गृह मंत्री ने ‘कच्छ के रण’ (1965) की ऐतिहासिक घटना का ज़िक्र करते हुए कहा कि जब पाकिस्तान की सेना ने भारत को ललकारा, तब सीआरपीएफ के जवानों ने उसका डटकर मुकाबला किया। इसी प्रकार, भारतीय संसद पर हुए हमले और राम जन्मभूमि घेराबंदी के समय भी सीआरपीएफ ने अद्भुत वीरता का प्रदर्शन कर राष्ट्र की रक्षा की।
🙏🏻 शहीदों को दी श्रद्धांजलि, परिजनों से की मुलाकात
परेड के बाद केंद्रीय गृह मंत्री शहीद स्थल पहुंचे, जहां उन्होंने शहीदों को नमन किया और पुष्पांजलि अर्पित की। इस भावुक क्षण में उन्होंने शहीद परिवारों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना और सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन भी दिया।
🎖 नीमच में वीरता का गौरवपूर्ण आयोजन
गौरतलब है कि सीआरपीएफ का स्थापना दिवस 19 मार्च को मनाया जाता है, जब 1950 में देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने बल को ध्वज प्रदान किया था। इस साल, स्थापना दिवस समारोह का हिस्सा बनते हुए परेड 17 अप्रैल को नीमच में आयोजित की गई – एक शहर जिसे CRPF की जन्मस्थली कहा जाता है।
🎖 वीरता पदकों से नवाजे गए जवान
इस गरिमामयी समारोह में अमित शाह ने वीरता दिखाने वाले जवानों को व्यक्तिगत रूप से वीरता पदक प्रदान किए। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, भाजपा के वरिष्ठ नेता और सैकड़ों सीआरपीएफ जवान मौजूद रहे। परेड में नीमच से 400 और अन्य स्थानों से 300 जवानों ने हिस्सा लिया।
🎖 नीमच – जहां से शुरू हुई सीआरपीएफ की यात्रा
नीमच का सीआरपीएफ से गहरा संबंध है। 27 जुलाई 1939 को ब्रिटिश काल में यहां ‘क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस’ की स्थापना हुई थी, जो बाद में आज़ाद भारत में बदलकर सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) बनी। 28 दिसंबर 1949 को इसे मौजूदा नाम मिला और यह देश का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल बन गया।
🎖 सीआरपीएफ की वीरता, बलिदान और अनुशासन की परंपरा को सलाम!
नीमच की इस भूमि पर जवानों को मिला सम्मान न केवल एक आयोजन था, बल्कि यह भारत की सुरक्षा और एकता के लिए समर्पित हर जवान के अदम्य साहस का प्रतीक बना।
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