
प्रतिवाद डेस्क | 17 अप्रैल 2025
मध्यप्रदेश जल्द ही देश का पहला ऐसा राज्य बन जाएगा, जो अपनी नागरिकों की खुशहाली को मापने के लिए स्वयं का ‘हैप्पीनेस इंडेक्स’ तैयार करेगा। इस दिशा में राज्य आनंद संस्थान द्वारा तैयार की जा रही विशेष प्रश्नावली अंतिम चरण में है और सर्वेक्षण वर्ष के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य है।
यह पहला मौका होगा जब मध्यप्रदेश राज्य स्तर पर खुश रहने वाली आदतों और जीवनशैली की पहचान के लिए एक व्यापक खुशी सर्वेक्षण आयोजित कर रहा है। इस इंडेक्स का फोकस पारंपरिक पश्चिमी मापदंडों की बजाय, आंतरिक संतोष, पारिवारिक संबंध, और पड़ोसियों के साथ जुड़ाव जैसे भारतीय मूल्यों पर होगा।
🙂 पश्चिमी इंडेक्स राज्य के लिए अप्रासंगिक: MP आनंद संस्थान
राज्य आनंद संस्थान ने पाया कि अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र और भूटान जैसे देशों द्वारा अपनाए गए हैप्पीनेस इंडेक्स मध्यप्रदेश के सामाजिक-सांस्कृतिक परिदृश्य के लिए उपयुक्त नहीं हैं। इन इंडेक्सों में आमतौर पर GDP, जीवन प्रत्याशा, भ्रष्टाचार की धारणा, सामाजिक सुरक्षा और स्वतंत्रता जैसे तत्व शामिल होते हैं।
वहीं, मध्यप्रदेश का प्रस्तावित इंडेक्स ‘गैर-भौतिकवादी’ पहलुओं जैसे कि आंतरिक संतुष्टि, पारिवारिक आत्मीयता और समुदायिक जीवन को केंद्र में रखेगा।
🙂 राज्यव्यापी सर्वे में हर वर्ग होगा शामिल
प्रस्तावित सर्वे राज्य के सभी जिलों – मालवा, बुंदेलखंड, चंबल, बघेलखंड और महाकौशल सहित – क्षेत्रवार आयोजित किया जाएगा। सभी आयु समूहों, लिंगों और सामाजिक पृष्ठभूमि के नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
पूर्व में एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत 20 जिलों में सर्वे किया गया था, जिसके आधार पर अब इसे पूरे राज्य में विस्तार दिया जा रहा है।
🙂 IIT खड़गपुर करेगा विश्लेषण, मूल भारतीय मूल्य फिर से स्थापित करने की पहल
सर्वेक्षण के डाटा का विश्लेषण IIT खड़गपुर द्वारा किया जाएगा। राज्य आनंद संस्थान के निदेशक (कार्यक्रम) सत्य प्रकाश आर्य के अनुसार, “इस सर्वे के माध्यम से न केवल उन गतिविधियों की पहचान की जाएगी जो नागरिकों को खुशी देती हैं, बल्कि प्राचीन भारतीय मूल्य प्रणाली को पुनर्स्थापित करने में भी मदद मिलेगी।”
🙂 मध्यप्रदेश बनेगा मॉडल, दुनिया लेगी सीख
राज्य आनंद संस्थान का मानना है कि इस अनूठी पहल से केवल मध्यप्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश और दुनिया को भी यह समझने में मदद मिलेगी कि ‘सच्ची खुशी’ GDP या उपभोग नहीं, बल्कि सामाजिक जुड़ाव और मानसिक शांति में निहित है।