
डीजीपी कैलाश मकवाना की पहल, मैन्युअल फाइलिंग होगी खत्म, हर फाइल पर होगी निगरानी
30 अप्रैल 2025। मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय (PHQ) अब मंत्रालय की तर्ज पर पूरी तरह ई-ऑफिस में तब्दील हो चुका है। यह कदम पुलिस महानिदेशक (DGP) कैलाश मकवाना की पहल पर उठाया गया है। मकवाना का अगला लक्ष्य है—इस व्यवस्था को जिलों तक पहुँचाना, ताकि मैन्युअल फाइल भेजने की प्रक्रिया को पूरी तरह खत्म किया जा सके।
मूल रूप से डीजीपी ने सभी शाखाओं को निर्देश दिया था कि 31 मार्च तक ई-ऑफिस प्रणाली पूरी तरह लागू कर ली जाए, लेकिन कई शाखाएं समयसीमा में यह कार्य पूरा नहीं कर सकीं। इसके बाद उन्होंने अंतिम रूप से 15 अप्रैल तक इसकी क्रियान्वयन की समय-सीमा तय की। सख्त निर्देशों के बाद अब पुलिस मुख्यालय में ई-ऑफिस प्रणाली लागू हो चुकी है।
अब जिलों को जोड़ा जाएगा
अब मकवाना की योजना है कि पीएचक्यू को राज्य के सभी जिलों की पुलिस शाखाओं से ई-ऑफिस के ज़रिए जोड़ा जाए। इसके लिए दिसंबर 2025 तक का लक्ष्य रखा गया है। तैयारी है कि इस संबंध में विभागीय आदेश जल्द ही जारी किया जाएगा।
मंत्रालय से भी जोड़े जाने की योजना
ई-ऑफिस प्रणाली के तहत पुलिस मुख्यालय को मंत्रालय से जोड़ने की योजना भी बनाई जा रही है। गौरतलब है कि मुख्य सचिव अनुराग जैन ने पहले ही 1 जनवरी 2025 से मंत्रालय को पूरी तरह ई-ऑफिस बना दिया है।
फाइल गायब होने की समस्या होगी खत्म
ई-ऑफिस लागू होने से फाइलों के गायब होने और अनावश्यक देरी जैसी शिकायतें खत्म होंगी। अब हर फाइल की डिजिटल ट्रैकिंग होगी और किसी भी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा फाइल को अनावश्यक रूप से रोके रखना संभव नहीं होगा। इससे कामकाज में पारदर्शिता और गति आएगी।
हर विभाग में ई-ऑफिस लागू कर रही सरकार
राज्य सरकार का उद्देश्य है कि हर विभाग में ई-ऑफिस प्रणाली लागू की जाए। पुलिस विभाग में यह बदलाव एक बड़ा प्रशासनिक सुधार माना जा रहा है, जो आने वाले समय में सुनियोजित और उत्तरदायी पुलिस प्रशासन की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।