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कृषि एवं उद्यानिकी में नवाचार और उन्नत तकनीकों से बढ़ाएंगे उत्पादन क्षमता : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 157

आर्थिक रूप में सम्पन्न हो रहा है मध्यप्रदेश
उन्नत खेती को उद्योग का दर्जा दिलाने के उद्देश्य से हो रहे हैं कार्य
किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने सरकार संकल्पित
बिजली में आत्मनिर्भर होंगे किसान : सौर ऊर्जा से बनाएंगे स्वयं बिजली
10 प्रतिशत राशि पर उपलब्ध कराए जाएंगे सौर पम्प
खेती को लाभदायक बनाने के लिए विदेशी तकनीक से लेकर स्थानीय जुगाड़ तक को प्रोत्साहित कर रही है राज्य सरकार
जीवन बेहतर बनाने किसान खेत की एक-एक इंच जमीन को बनाएं उपयोगी
संतरे-केले जैसे प्रदेश के अन्य कृषि उत्पादों की मध्यप्रदेश के नाम पर हो ब्रांडिंग
नरवाई जलाने से बचें किसान : मशीनों से होगा नरवाई का निष्पादन
पीकेसी परियोजना उज्जैन संभाग के किसानों की बदलेगी जिन्दगी
मुख्यमंत्री ने सीतामऊ में कृषि उद्योग समागम : 2025 को किया संबोधित
किसानों को उन्नत कृषि, बागवानी, फलोद्यान, प्रसंस्करण व अन्य गतिविधियां अपनाते हुए सम्पन्न बनने के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहने का दिलाया संकल्प

3 मई 2025। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश आर्थिक रूप से सम्पन्न हो रहा है। नीति आयोग के अनुसार मध्यप्रदेश, देश में सबसे तेज गति से प्रगति करने वाला राज्य है। आने वाले समय में प्रगति की गति और तेज होने वाली है। राज्य सरकार कृषकों को बिजली में आत्मनिर्भर बनाने जा रही है। अब किसान सौर ऊर्जा से स्वयं बिजली बनाएंगे और पम्प चलाएंगे। उनके द्वारा अपनी आवश्यकता से अधिक बिजली पैदा करने पर राज्य सरकार किसानों से बिजली खरीदेगी और उसका भुगतान भी करेगी। किसानों को मात्र 10 प्रतिशत राशि पर सौर पम्प उपलब्ध कराए जाएंगे। पांच, तीन, दो हार्स पॉवर तक के सौर पम्प के लिए मात्र 10 प्रतिशत राशि जमा कराने पर शेष राशि राज्य सरकार द्वारा किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना से किसानों को बिजली के बिल से मुक्ति मिलेगी। तीन साल में 32 लाख सोलर पम्प उपलब्ध कराए जाएंगे। किसान, कृषि पम्प चलाने, घर में बिजली के उपयोग या अन्य प्रयोजनों के लिए अपनी बिजली स्वयं बना सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव सीतामऊ (मंदसौर) में कृषि उद्योग समागम : 2025 को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मंदसौर, नीमच क्षेत्र के किसानों द्वारा ली जा रही विविधतापूर्ण उपजों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा इसे प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ही सीतामऊ में उन्नत कृषि पर केन्द्रित यह आयोजन किया गया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विदेशी तकनीक से लेकर स्थानीय जुगाड़ तक को प्रोत्साहित करते हुए खेती को फायदेमंद बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। हम उन्नत खेती को उद्योग का दर्जा दिलाने के उद्देश्य से कार्य कर रहे हैं, इसीलिए कृषि उत्पादों के उचित मूल्य, लंबे समय तक संधारण और स्थानीय स्तर पर खाद्य प्रसंस्करण की सुविधा उपलब्ध कराकर किसानों का लाभ सुनिश्चित करने के लिए प्रयास जारी हैं। मध्यप्रदेश में संतरा, केला सहित कई महत्वपूर्ण उत्पाद बड़ी मात्रा में होते हैं। इनकी ब्रांडिंग भी हमारे प्रदेश के नाम पर हो, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी किसानों को उन्नत कृषि अपनाने और बागवानी, फलोद्यान, प्रसंस्करण सहित कृषि से जुड़ी अन्य गतिविधियां अपनाते हुए सम्पन्न बनने के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहने का संकल्प दिलाया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नरवाई जलाने की जानकारी सेटेलाइट के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है। गेहूं की फसल के बाद बचे अवशेष में आग लगाने से खेत की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किसानों से नरवाई जलाने से बचने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस स्थिति के निराकरण के लिए मशीनें उपलब्ध कराई जा रही है और उन पर अनुदान की व्यवस्था भी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ों परियोजना से उज्जैन संभाग के सभी किसानों की जिन्दगी बदलेगी। हर खेत तक सिंचाई के लिये पानी पहुँचेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में गौपालन को प्रोत्साहित कर दुग्ध उत्पादन की क्षमता बढ़ाई जा रही है। गौमाता हमारी संस्कृति की प्रतीक हैं, गाय-भैंस पालन को प्रोत्साहित करने के लिए 25 गाय-भैंस पालने पर 25 प्रतिशत की सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी। देश के कुल दुग्ध उत्पादन में मध्यप्रदेश का उत्पादन वर्तमान में 9 प्रतिशत है, इसे हमें 20 प्रतिशत तक ले जाना है। किसानों को 200 गाय-भैंस पालन अर्थात 8 यूनिट तक सब्सिडी उपलब्ध कराई जाएगी। दूध-दही हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है, "जिसके घर गाय वह गोपाल और जिस के घर गाय का कुल वह घर गोकुल" का भाव हमारा परिवेश में रचा-बसा है। अच्छी खेती के साथ दूध उत्पादन, बागवानी, फलोद्यान जैसी गतिविधियां बढ़ाने के लिए भी राज्य सरकार अनुदान उपलब्ध करा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अपना जीवन उपयोगी बनाने के लिए, किसान खेत की एक-एक इंच जमीन को बेहतर बनाएं। प्रदेश के हर जनपद में एक-एक वृंदावन गांव विकसित किया जाएगा, जहां उन्नत कृषि के लिए विशेष प्रोत्साहन के साथ स्कूल-कॉलेज सहित सभी अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। बेसहारा, लावारिस, अपाहिज गौमाता की देख-रेख के लिए 20 रूपए के स्थान पर 40 रूपए प्रति गाय की दर से अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य सरकार ने आपदा में तत्काल मदद करने के उद्देश्य से एयर एम्बुलेंस सेवा का संचालन आरंभ किया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहाकि विगत दिनों ही गांधी सागर क्षेत्र में चीते छोड़े गए हैं। इससे पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा और स्थानीय निवासियों को होम-स्टे सहित अन्य पर्यटन गतिविधियों के माध्यम से रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। कृषि, बागवानी, उद्योग-धंधों, धार्मिक सहित सभी प्रकार की पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहित करते हुए प्रदेशवासियों की आय बढ़ाना राज्य सरकार का उद्देश्य है और इस दिशा में प्रतिबद्धतापूर्वक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। महिला, गरीब, युवा और किसान सभी का जीवन बेहतर बनाने के लिए राज्य शासन द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सीएम राईज स्कूल अब सांदीपनि विद्यालय के नाम से जाने जाएंगे। भगवान श्रीकृष्ण राजस्थान से होते हुए अध्ययन केलिए उज्जैन आए थे, पूरे मार्ग में भगवान श्रीकृष्ण जिस-जिस गांव से गुजरे और जहां-जहां लीलाएं हुईं, उन सभी स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा। प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में गीता भवन बनाएं जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंदसौर जिले के लिए 4 सांदीपनि विद्यालय और एक तहसील भवन की स्वीकृति प्रदान की तथा कृषि उद्योग समागम की सभी प्रदर्शनियों की अवधि एक दिन और बढ़ाए जाने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंदसौर, नीमच क्षेत्र की समृद्ध पुरातत्व सम्पदा का उल्लेख करते हुए कहा कि इनके संरक्षण के लिए राज्य सरकार संवेदनशीलता से प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में किसान कल्याण के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सिंचाई का रकबा बढ़ाने, बिजली की उपलब्धता को सुगम बनाने के साथ ही किसान सम्मान निधि देते हुए किसान की मेहनत का सम्मान किया गया है। नदी जोड़ो अभियान के माध्यम से प्रदेश में सिंचाई के रकबे में और अधिक विस्तार होने जा रहा है।

कृषि और उद्यानकी के क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा है प्रदेश : मंत्री श्री कुशवाह
उद्यानकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा है कि मध्यप्रदेश कृषि प्रधान प्रदेश है, प्रदेश में कृषि और उद्यानकी के क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा है राज्य शासन का प्रयास कृषि के साथ उद्यानकी के क्षेत्र में नवीन उन्नत तकनीकी अच्छी गुणवत्ता के बीज का प्रयोग करके उत्पादन को बढ़ावा देना है। उत्पादित माल की मूल्य संवर्धन के लिए खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को बढ़ावा देने का कार्य मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार में अनेक अनुदान योजनाएं संचालित की जा रही है किसानों को उनके उत्पादन का बेहतर लाभ प्राप्त हो सके । इसके लिए क्रेता विक्रेता सेलर्स मीट का आयोजन राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में उद्यानकी में बहुत तेजी से बढ़ोतरी हुई है प्रदेश मसाला फसलों का उत्पादन में देश में अग्रणी राज्य बन गया है राज्य सरकार का प्रयास है कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की मध्यप्रदेश में स्थापना करके उत्पादित माल की बेहतर कीमत किसानों को प्राप्त हो सके। उन्होंने कृषि उद्योग समागम को इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन प्रदेश में अन्य स्थानों पर भी किए जाएंगे।

95 करोड़ के निर्माण कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 33 करोड़ 14 लाख से निर्मित (सीएम राइज स्कूल) महर्षि सांदीपनी विद्यालय भवन का चंदवासा एवं 33 करोड़ 49 लाख की लागत से निर्मित महर्षि सांदीपनी विद्यालय भवन का लदुना का लोकार्पण किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने 19 करोड़ 31 लाख रुपए की लागत से निर्मित सुवासरा रूनिजा गुराडिया कला मार्ग का लोकार्पण एवं 9 करोड़ 10 लाख की संयुक्त तहसील कार्यालय भवन कयामपुर का भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कृषि, उद्यानिकी, उद्योग से जुड़ी विभिन्न योजनाओं में हितग्राहियों को हितलाभ प्रदान किये।

कृषि उद्योग समागम में उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा, किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री एदल सिंह कंषाना, मंदसौर जिले की प्रभारी मंत्री श्रीमती निर्मला भूरिया, सांसद श्री सुधीर गुप्ता, राज्यसभा सदस्य श्री बंशीलाल गुर्जर सहित विधायक, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, एसीएस उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण श्री अनुपम राजन, एमपीआईडीसी के प्रबंध संचालक श्री चंद्रमौली शुक्ला सहित अधिकारी एवं बड़ी संख्या में किसान और उद्यमी मौजूद रहे।

किसान, महिला और टीबी मुक्त ग्राम पंचायतों के सरपंचों को किया सम्मानित
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उन्नत एवं नवाचारी किसानों, 22 महिला किसानों और टीबी मुक्त 148 ग्राम पंचायतों के सरपंचों को सम्मानित किया। इनमें वे किसान भी शामिल हैं, जिन्होंने नवाचार करके खेती में आमूल-चूल परिवर्तन किया है।

प्रदर्शनी का अवलोकन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम स्थल पर कृषि एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। प्रदर्शनी में विभिन्न कृषि उत्पादों के साथ आधुनिक तकनीकों के कृषि यंत्रों को प्रदर्शित किया गया।


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