
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की विशेषज्ञता का लाभ सभी को मिले, निजी डेयरियों को भी मिले मार्गदर्शन
5 मई 2025। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में दुग्ध उत्पादन को वर्तमान 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करना राज्य सरकार का संकल्प है। इसके लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) की विशेषज्ञता का लाभ प्रदेश के सभी क्षेत्रों तक समान रूप से पहुंचाना आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि सहकारी संघों के साथ-साथ निजी डेयरी संचालकों को भी उचित तकनीकी कंसल्टेंसी और मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जाए।
मुख्यमंत्री समत्व भवन में NDDB और म.प्र. राज्य सहकारी दुग्ध संघ के बीच हुए अनुबंध के बाद की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री श्री लखन पटेल, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, NDDB प्रमुख श्री मिनेश शाह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
◼️ मुख्य बिंदु:
बेहतर नस्ल की गाय-भैंसें अन्य राज्यों से लाकर किसानों को उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा।
दूध के वैल्यू एडिशन के बाद ही डेयरी उत्पाद प्रदेश से बाहर भेजे जाएं, जिससे किसानों को अधिक लाभ मिल सके।
निजी विश्वविद्यालयों से आग्रह किया गया है कि वे डेयरी टेक्नोलॉजी और एनिमल हसबेंडरी के पाठ्यक्रम शुरू करें।
प्रदेश में विकसित की जा रही बड़ी गौशालाओं के बेहतर प्रबंधन से दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा।
तकनीकी विशेषज्ञों को गौशालाओं से जोड़ा जाएगा ताकि वे प्रबंधन में सहयोग कर सकें।
◼️ संगठनों के संचालन में NDDB की भागीदारी
बैठक में बताया गया कि अनुबंध के तहत राज्य के दुग्ध संघों के प्रमुख कार्यपालन अधिकारियों का कार्यभार NDDB द्वारा नामित अधिकारियों को सौंपा जा चुका है।
NDDB राज्य में दुग्ध सहकारी समितियों की कवरेज, संकलन, प्रसंस्करण और आधुनिक अधोसंरचना विकास के लिए समन्वित कार्य कर रहा है। अगले 5 वर्षों में प्रदेश के 50% गांवों में प्राथमिक डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना का लक्ष्य तय किया गया है।
🐄 दूध खरीद दर में बढ़ोतरी, किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
NDDB और राज्य के दुग्ध संघों द्वारा दूध की खरीद दर में वृद्धि की गई है जिससे किसानों को उचित मूल्य मिल रहा है।
साथ ही, दुग्ध संकलन, गुणवत्ता नियंत्रण, भंडारण और वैल्यू चेन के डिजिटलीकरण पर भी कार्य हो रहा है। इसके तहत ऑटोमेटिक मिल्क कलेक्शन सिस्टम लागू किया जाएगा।
🐄 कोल्ड चेन, ब्राण्ड प्रमोशन और विपणन पर विशेष ध्यान
प्रदेश में डेयरी सहकारी विस्तार के साथ-साथ कोल्ड चेन इन्फ्रास्ट्रक्चर, मिल्क पार्लर की स्थापना, ब्राण्ड प्रमोशन और बाजार विश्लेषण (मार्केट स्टडी) पर भी जोर दिया जा रहा है। पशुओं के पोषण और स्वास्थ्य, फील्ड लेवल विशेषज्ञता, और किसान कल्याण योजनाओं को डेयरी संस्थाओं से जोड़ा जाएगा।