
27 जुलाई 2025। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के मेडिकल कॉलेज स्थित अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में आयोजित सतनामी समाज के नवनिर्वाचित प्रदेश पदाधिकारियों के शपथग्रहण समारोह में शामिल हुए। उन्होंने सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए समाज के सर्वांगीण विकास में शिक्षा को सबसे अहम बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में गिरौदपुरी धाम में कुतुब मीनार से ऊँचा जैतखाम बनवाया गया, जिससे सतनामी समाज को वैश्विक पहचान मिली। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया गया है, और बाबा गुरु घासीदास जी के आशीर्वाद से छत्तीसगढ़ भी इसी लक्ष्य की ओर अग्रसर होगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने राजधानी रायपुर में सतनामी समाज के बहुद्देशीय भवन निर्माण के लिए ₹1 करोड़ की घोषणा की, जबकि गिरौदपुरी स्थित मड़वा महल के अधूरे कार्यों के लिए ₹50 लाख की स्वीकृति दी। साथ ही 10वीं और 12वीं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को ₹5,000 की प्रोत्साहन राशि भी देने की घोषणा की।
कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने भी शिरकत की और समाज के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि जब समाज एकजुट होकर कार्य करता है तो सामाजिक समरसता और विकास की राह और मजबूत होती है। उन्होंने गिरौदपुरी धाम में नई धर्मशाला निर्माण की पहल की सराहना की और बाबा गुरु घासीदास जी के ‘मनखे-मनखे एक बराबर’ संदेश को प्रदेश की आत्मा बताया।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने समाज की उन्नति में शिक्षा और एकता को सबसे महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने बच्चों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने और प्रतिभावान विद्यार्थियों का प्रतिवर्ष सम्मान करने की अपील की।
खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ने कहा कि समाज के पदाधिकारियों के कंधों पर बड़ी ज़िम्मेदारी है और उन्हें शिक्षा, व्यापार और स्वरोजगार के क्षेत्र में समाज को आगे ले जाना चाहिए। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि गिरौदपुरी में एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देशभर से सतनामी समाज के आध्यात्मिक गुरु और प्रतिनिधि भाग लेंगे।
कार्यक्रम में सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े, विधायक पुन्नूलाल मोहले, प्रगतिशील सतनामी समाज के अध्यक्ष एल.एल. कोसले, गुरु खुशवंत साहेब सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। इसके साथ ही देश के विभिन्न राज्यों – मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार, ओडिशा, असम, राजस्थान और दिल्ली से आए समाज के प्रतिनिधियों एवं अन्य सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी इस समारोह में भाग लिया।