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स्टारबक्स ने इन्वेंट्री गिनने और बर्बादी घटाने के लिए AI लागू किया

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Place: नई दिल्ली                                                👤By: prativad                                                                Views: 596

5 सितंबर 2025। स्टारबक्स अब अपने उत्तरी अमेरिका के 11,000 से ज़्यादा स्टोर्स में NomadGo का इन्वेंट्री AI सिस्टम शुरू कर रहा है। सितंबर के अंत तक कंपनी की लगभग सभी कंपनी-स्वामित्व वाली दुकानें इस दायरे में आ जाएँगी।

यह तकनीक कंप्यूटर विज़न, 3D स्पेशल टूल और ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) का इस्तेमाल करती है। इसके लिए कोई नया हार्डवेयर नहीं चाहिए—सॉफ़्टवेयर सीधे उन फोन या टैबलेट पर चलता है जिन्हें बरिस्ता पहले से इस्तेमाल कर रहे हैं। कर्मचारी बस अलमारियाँ, फ्रिज या डिस्प्ले केस स्कैन करते हैं और सिस्टम तुरंत दूध, सिरप या पैकेज्ड बीन्स जैसी वस्तुओं को पहचान लेता है।

क्या बदलेगा
यह AI मैन्युअल गिनती से आठ गुना तेज़ और 99% सटीकता के साथ काम करता है।
रोज़ाना बैक-रूम चेकिंग में लगने वाले घंटों की बचत होगी।
बरिस्ता ग्राहकों और पेय बनाने पर ज़्यादा ध्यान दे पाएँगे।
रीयल-टाइम AR ओवरले तुरंत ही गिनती दिखाते हैं, जिससे दोबारा जाँच की ज़रूरत नहीं पड़ती।
सिस्टम ऑफ़लाइन भी चलता है, ताकि वाई-फ़ाई पर निर्भर न रहना पड़े।

क्यों ज़रूरी है
इन्वेंट्री गिनना अब तक कर्मचारियों के लिए सबसे थकाऊ काम रहा है। स्टारबक्स इसे “कर्मचारियों को फ़्लोर पर ज़्यादा मानवीय समय देने” के रूप में पेश कर रहा है। साथ ही, सटीक ट्रैकिंग से नाशवान वस्तुओं का अपव्यय कम होगा और ऑर्डरिंग अधिक सही होगी।

भारत में प्रभाव
भारत स्टारबक्स के लिए एक तेजी से बढ़ता हुआ बाज़ार है। यहाँ कंपनी टाटा समूह के साथ साझेदारी में 340 से ज़्यादा स्टोर्स चला रही है। अभी भारत में इस AI सिस्टम के लागू होने की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन माना जा रहा है कि भविष्य में इसकी शुरुआत भारतीय आउटलेट्स में भी हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो यह इन्वेंट्री मैनेजमेंट को और कुशल बनाएगा, खासकर महानगरों जैसे मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु में जहाँ ग्राहक संख्या लगातार बढ़ रही है।

बड़ी तस्वीर
स्टारबक्स हाल के महीनों में स्वचालन की दिशा में कई कदम उठा रहा है। इन्वेंट्री प्रबंधन अक्सर नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है, लेकिन यही तय करता है कि ग्राहकों को उनका मनपसंद पेय और स्नैक्स समय पर मिलें।

यह कदम ऐसे समय आया है जब कंपनी को लगातार छठी तिमाही में ग्राहक संख्या में गिरावट का सामना करना पड़ा है। स्टारबक्स पहले भी नई तकनीकों जैसे 3D प्रिंटिंग आउटलेट्स और AI प्रयोगों को आजमा चुका है।

हालाँकि, सवाल यह है कि तकनीक कितनी भी आगे क्यों न बढ़े, क्या वह उस मानवीय स्पर्श की जगह ले सकती है—जैसे ऑर्डर तैयार होते ही बरिस्ता का ग्राहक का नाम पुकारना—जो स्टारबक्स को दूसरों से अलग करता है।

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